हाजिर बाजार में माँग में बढ़ोतरी न होने और अच्छी बुवाई क्षेत्र की खबरों के कारण हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में 7,100 रुपये तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
वर्तमान में, हल्दी की माँग स्थिर है और प्राथमिक स्रोतों से आपूर्ति में मामूली सुधार हुआ है। दुग्गीराला में हल्दी की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट हुई है। हल्दी की बुवाई वाले क्षेत्रों में लगातार बारिश हुई और अगले सीजन के लिए फसल की संभावनायें उज्ज्वल होने की उम्मीद है।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों के 13,200-13,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। निर्यात माँग में कमी और स्टॉकिस्टों की ओर से धीमी खरीदारी से कीमतों में स्थिरता है। कीमतों को 13,350 रुपये के स्तर पर मजबूत बाधा है जिसे पार करने पर ही कीमतों में तेजी का रुझान देखा जा सकता है। ऊँझा मंडी में जीरे की आवक स्थिर है और कुल 9,000 बैग की आवक हुई है। फिर भी पिछले सप्ताह की तुलना में माँग अधिक होने के कारण राजकोट बाजार में कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। ऊँझा मंडी में एक्सचेंज क्वालिटी के लिए सोमवार को जीरा के भाव बढ़कर 13,725 रुपये हो गये। किसानों के पास स्टॉक की अधिक उपलब्धता और स्थानीय माँग की अनिश्चितता ने इस सीजन में कीमतों पर दबाव बनाये रखा है।
धनिया वायदा (अगस्त) की वायदा की कीमतों में 6,720-6,700 रुपये तक गिरावट होने की उम्मीद है। कम आवक के बावजूद प्रमुख हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें स्थिर हैं। मानसून के मौसम में आम तौर पर आवक और माँग कमजोर रहती है। धनिया की आवक राजस्थान समेत देश भर की प्रमुख मंडियों में माँग को पूरा कर रही है। मसाला बोर्ड द्वारा 2020-21 में अधिक उत्पादन के अनुमान से कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। (शेयर मंथन, 03 अगस्त 2021)
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