हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतें हाल ही में 5 महीने के उच्च स्तर पहुँच गयी थी लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफावसूली के कारण गिरावट हुई। साप्ताहिक रुझान अभी भी तेजी का है और तेजी आने के बाद कीमतें फिर से 8,700 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
कीमतों को 7,950 रुपये के स्तर पर सहारा है। निजामाबाद में हल्दी की कीमतों में एक हफ्ते में बढ़ोतरी हुई है और 7,660 रुपये प्रति 100 किलोग्राम पर पहुँच गयी है। देशी व्यापारियों की ओर से लगातार अच्छी माँग और निर्यात के लिए पूछताछ से कीमतों को मदद मिल सकती है। सभी दक्षिणी राज्यों और महाराष्ट्र में हल्दी की फसल अच्छी स्थिति में है, इसलिए अगले सीजन में बहुत अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। लेकिन इसके औषधीय और प्रतिरक्षा संबंधी अन्य लाभों के कारण दुनिया भर में माँग बढ़ गयी है।
जीरा वायदा (सितंबर) की कीमतों ने पिछले सप्ताह 7 महीने के उच्च स्तर पहुँच गयी थी, लेकिन मुनाफावसूली से गिरावट हुई। अब कीमतों में फिर से बढ़ोतरी से पहले 14,500 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की उम्मीद है। फिजिकल बाजार के कारोबारियों की ओर से अच्छी माँग है क्योंकि वे त्योहारी सीजन से पहले अपने स्टॉक की जरूरतों को पूरा करते हैं। कीमतों में तेजी के कारण ऊँझा मंडी में आवक में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुजरात में सामान्य से कम बारिश के कारण आने वाले सीजन में उत्पादन में कमी की आशंका है। इस साल जीरा का निर्यात अच्छा रहा है और देश ने पिछले साल के 90,000 टन की तुलना में 1.20 लाख टन से अधिक जीरा निर्यात किया था।
धनिया वायदा (सितंबर) की कीमतें पिछले सप्ताह 6 साल के उच्च स्तर पहुँच गयी लेकिन मुनाफावसूली के कारण फिसल गयी। अब कीमतों को मजबूत सहारा 7,700 रुपये के स्तर पर है। यदि कीमतें इस स्तर से ऊपर बनी रहती है तो कीमत फिर से बढ़ सकती है। स्टॉकिस्टों की दिलचस्पी और मसाला मिलों द्वारा नियमित खरीद के कारण पिछले सप्ताह हाजिर बाजार में कीमतों में काफी वृद्धि हुई है और आगामी दिनों में कम बारिश के कारण बाजार को कम उत्पादन की उम्मीद है। निर्यात माँग बढ़ने से भी कीमतों में तेजी आ रही है। (शेयर मंथन, 30 अगस्त 2021)
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