सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों पर उच्च स्तर से कुछ दबाव देखा गया है और इस कारण कीमतों के 8,700 रुपये पर रुकावट के साथ 7,100-7,000 के स्तर तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, जो रिकॉर्ड 10,000 रुपये के स्तर पर पहुँच गयी थी, और पोल्ट्री उद्योग का समर्थन करने के लिए सरकार ने 12 लाख टन सोयामील के आयात की अनुमति दी है। सोयाबीन की फसल अब तक अच्छी स्थिति में है और अगले सीजन के लिए अच्छे उत्पादन के लिए एक या दो बारिश की आवश्यकता है। सोयाबीन का बुवाई क्षेत्र सामान्य बुवाई क्षेत्र की तुलना में बढ़कर 116.33 लाख हेक्टेयर हो गया है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में 2.3 लाख हेक्टेयर से कम है।
तकनीकी बिकवाली से आरएम सीड वायदा (सितंबर) की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। कीमतों में 8,100 रुपये पर रुकावट के साथ 7,600 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना हैं। फिजिकल बाजार में, प्रोसेसर उच्च कीमतों पर खरीदारी करने में बहुत सावधान रहते हैं जिससे हाजिर माँग कम हुई है और कीमत पर दबाव पड़ रहा है। रेपसीड मील का निर्यात पिछले साल (अप्रैल-जुलाई) के 4.4 लाख टन की तुलना में 4.8 लाख टन तक बढ़ गया। खाद्य तेल की कीमतें अपने उच्च स्तर पर बनी हुई हैं और आने वाले सप्ताह में इसके सीमित दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,440-1,360 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतों में 1,130-1,120 रुपये के स्तर तक गिरावट होने की संभावना है। खाद्य तेल की घरेलू कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की। देश इंडोनेशिया से अधिक पॉम तेल आयात कर रहा है लेकिन उसने सितंबर में निर्यात कर में 13% की वृद्धि भी की है। भारत में खाद्य तेल का भंडार पर्याप्त है और पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 44% अधिक है और तिसरी लहर के डर से स्टॉकिस्ट भी अधिक खाद्य तेल स्टॉक जमा करने का जोखिम नहीं ले रहे हैं। जुलाई में खाद्य तेल का आयात वर्ष-दर-वर्ष 39.5% कम रहा। (शेयर मंथन, 30 अगस्त 2021)
Add comment