हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले हफ्ते 7% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी है। अब कीमतों के 7,150-7,550 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
अब मौसम अच्छा है क्योंकि सीजन खत्म होने की ओर बढ़ रहा है और अब किसानों ने पुराने स्टॉक को बाजार में उतारना शुरू कर दिया है। वर्तमान में निर्यात में धीमेपन के कारण माँग कमजोर है जबकि अनुकूल मौसम के कारण अगले सीजन में उत्पादन अधिक रहने की उम्मीद है। 2021 के पहले 6 महीनों में, हल्दी का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3% कम होकर 77,300 टन हो गया, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में लगभग 20% अधिक है।
जीरा वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह लगभग 1.5% की गिरावट हुई है और कीमतों के 14,000- 14,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है। वर्तमान में, व्यापारियों और किसानों के पास पर्याप्त स्टॉक के कारण उच्च स्तर पर कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। सितंबर से नवंबर के दौरान पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य बारिश के पूर्वानुमान से गुजरात और राजस्थान में जीरा की बुवाई में बढ़ोतरी हो सकती है। 2021 (जनवरी-जून) में, देश ने पिछले साल की समान अवधि के 1.3 लाख टन की तुलना में 1.50 लाख टन से अधिक जीरा निर्यात किया है।
मुनाफा वसूली और अधिक कीमतों पर माँग कम होने से धनिया वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले सप्ताह करीब 4% की गिरावट हुई है। हमें उम्मीद है कि कीमतें 7,750-8,000 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है क्योंकि माँग सामान्य बनी हुई है और गुजरात और राजस्थान में अच्छी बारिश से आने वाले मौसम में रबी की फसल को मदद मिलेगी। लेकिन दक्षिण भारतीय और स्थानीय मिलों की ओर से लगातार माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। अगस्त में, शुष्क मौसम के कारण कीमतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन मानसून की बारिश फिर से शुरू होने से कीमतों पर दबाव पड़ा है। अप्रैल-जून अवधि के दौरान धनिया का निर्यात 11% कम होकर पिछले वर्ष के 15,650 टन के मुकाबले 13,800 टन हुआ है लेकिन समान अवधि में 5 साल के औसत की तुलना में 14.7% अधिक है। (शेयर मंथन, 20 सितम्बर 2021)
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