खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती और सोयाबीन की कम बुआई के मिले-जुले फंडामेंटल के कारण सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) में पिछले सप्ताह बहुत ही सीमित दायरे में कारोबार हुआ।
इसके अलावा, सोयामील आयात की तारीखों को अक्टूबर 2021 से अगले साल जनवरी तक बढ़ा दिया गया, जिससे सोयाबीन की कीमतों पर कुछ दबाव पड़ सकता है। हाल ही सोपा के अनुसार सोयाबीन का रकबा पिछले साल के 118.4 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस सीजन में 123.5 लाख हेक्टेयर हो गया है। तेल मिलों की ओर से अच्छी माँग से कीमतों को मदद मिल रही है। सोयाबीन की कटाई के मौसम में मानसून की बारिश के जारी रहने के कारण कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 6,000-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूएसडीए ने इस महीने भारत में सोयाबीन का उत्पादन 112 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है।
आरएम सीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में पिछले 9 हफ्तों में पहली साप्ताहिक गिरावट हुई हैं और अब कीमतों के 8,650 रुपये के बाधा के साथ 8,380 रुपये तक गिरावट दर्ज करने की उम्मीद है। कम स्टॉक और खपत की माँग जारी रहने से वर्तमान समय में कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। बाजार सूत्रों के मुताबिक सरसों का स्टॉक घटकर 30 लाख टन रह गया है। जबकि नये सीजन की आवक में करीब 5-6 महीने बाकी हैं। आयात शुल्क में कटौती के कारण पिछले सप्ताह खाद्य तेल काउंटर में कुछ नरमी देखी गयी है। लेकिन शुल्क वैल्यू में बढ़ोतरी से कीमतों को मिलेगी। एसपीओए द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, स्टॉक का स्तर मासिक स्तर पर 3% और वार्षिक पर 17% अधिक है। सरकार ने कच्चे पॉम तेल के आयात शुल्क में 101 डॉलर प्रति टन की और कच्चे सोयाबीन तेल के आधार आयात मूल्य में भी 100 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी की है। निर्यात में उछाल और उत्पादन को लेकर चिंता के कारण मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतें बढ़कर छह दिन के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है।
सोया तेल वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 1,300-1,320 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,100-1,125 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 20 सितम्बर 2021)
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