कम आवक के बीच अधिक माँग के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 6% की उछाल के साथ ऊपरी सर्किट पर बंद हुई और कीमतों के 10,470 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 11,000 रुपये के स्तर तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाजारों में नयी फसल की आवक शुरू हो गयी है। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन की उम्मीद पर कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 75% अधिक हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 7 महीनों (अप्रैल-अक्टूबर) में, पिछले साल के मुकाबले 23% घटकर 89,850 टन निर्यात हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 6.5% अधिक है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें कल लगभग स्थिर भाव पर बंद हुई। अब कीमतों के 18,000-18,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 35.7% अधिक हैं। कृषि विभाग के आँकड़ों के अनुसार, 10 जनवरी तक गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले साल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था, जबकि राजस्थान में 5.30 लाख हेक्टेयर में जीरा की बुआई हुई है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 17% घटकर 1.50 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 1.82 लाख टन हुआ था।
माँग में बढ़ोतरी के कारण धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतें कल 1.5% की बढ़त के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,190-10,550 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। 10 जनवरी 2022 तक गुजरात में धनिया का रकबा 1,25,444 हेक्टेयर है, जो सामान्य क्षेत्र की तुलना में 145% है, लेकिन पिछले साल के 1,40400 हेक्टेयर से कम है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान निर्यात पिछले साल के 33,000 टन से 12.7 फीसदी घटकर 28,800 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.6% अधिक है। (शेयर मंथन, 18 जनवरी 2022)
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