बाजारों में नयी सौजन की आवक के बीच बढ़ती माँग के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमत कल 20% की बढ़त के साथ बंद हुई और कॉमता को 9,980 रुपये पर अहम सहारा है और 10,700 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है।
दक्षिण भारत के बाजार में नयी फसल की आवक होने के कारण हाल ही में कीमता में गिरावट हुई है। वर्तमान समय में देश में कम उत्पादन को उम्मीद पर कीमते वर्ष दर वर्ष 37% अधिक है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 8 महीनों (अप्रैल नवम्बर) में पिछले साल के मुकाबल 22% घटकर 102.126 टन निर्यात हुआ है, लाकन 5 साल के औसत की तुलना में 7.2% अधिक है। हल्दी में बढ़त, धनिया की कीमतों में 10,000-10,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना - एसएमसी
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें कल लगभग 0.7% की बढ़त के साथ बंद हुई। अब कौमतों के 10,000-19,950 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में कॉमले वर्ष-दर-वर्ष 439 अधिक है। कृषि विभाग के आँकड़ों के अनुसार 17 जनवरी तक गुजरात में जीरा का रकबा केवल 3.07 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले माल समान अवधि में 4.69 लाख हेक्टेयर था जबकि राजस्थान में 5.30 लाख हेक्टेयर में जीरा की बुआई हुई है। दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार जीरे का उत्पादन पिछले साल के मुकाबल 41% घटकर 2.37 लाख टन रहने की उम्मीद है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर जीरा का निर्यात वर्ष-दर- वर्ष 17% घटकर 1.50 लाख टन रह गया है, जो पिछले वर्ष 1.382 लाख टन हुआ था।
धनिया वायदा (जनवरी) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई और कीमतों के 10,150-10,550 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सामान्य की तुलना में कम रकबे और उत्तर भारत में शीत लहर के कारण उत्पादन में कमी की आशंका में वर्तमान में कीमते वर्ष-दर-वर्ष 65.56 अधिक है और जनवरी 2022 में 165% अधिक है। 17 जनवरी 2022 तक गुजरात में धनिया का रकबा 1,25,444 हेक्टेयर है, जो सामान्य क्षेत्र की तुलना में 145% है, लेकिन पिछले साल के 1,40,400 हेक्टेयर से कम है। सरकारी आकड़ों के अनुसार अप्रैल-अक्टूबर को अवधि के दौरान नियत पिछले साल के 33,000 टन से 12.7 फीसदी घटकर 28,500 हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 8.6% अधिक है। (शेयर मंथन, 28 जनवरी 2022)
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