कल कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में मंगलवार को 85% की बढ़ोतरी हुई है।
अब कीमतों के 36,520-37,200 रुपये के दायरे में कारोबार करने की कमी को और निर्यात के लिए काम की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमते वर्ष-दर-वर्ष 76% अधिक है जबकि पिछले एक महीने में 9% बढ़ी है। सीएआई ने 2021-22 सौतन में कपास के उत्पादन अनुमान को 12.00 लाख के 34,813 बैल बैल 170 किलोम कर दिया है जबकि पिछला अनुमान 360.13 लाख बेल उत्पादन का था, जब की घरेलू खपत में 10 लाख की बढ़ोतरी अपनी खप्त में बैल हुई। में रिपोर्ट में भारत में कपास के उत्पादन को पिछले महीने 28 मिलियन बैल बलकर 275 मिलियन कर दिया है जबकि अमेरिका में कपास के उत्पादन में 34,615 रुपये को कटौती कर के 176 मिलियम बेल कर दिया गया है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में मंगलवार को 27% की बहुत हुई है। कीमतों के 6,250-6,550 रुपये के बारे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में कम उत्पादन कई वर्षों में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष पर वर्ष 62% अधिक है। नवम्बर में ग्वारगम का निर्मात वर्ष-दर-वर्ष 33% बढ़कर 24,350 टन हो गए जबकि 2021-22 (अप्रैल-नवम्बर) में निर्यात वर्ष दर वर्ष 44.45 बढ़कर 200 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में मंगलवार को बढ़त के साथ बंद हुई है और अब कीमतें 6,300 रुपये पर सहारा के साथ 6,440 रुपये के स्तर को पार करती है तो 6,550 रुपये तक बढ़ोतरी हो सकती है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष दर वर्ष 42% अधिक है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अनुमान ने अरंडी के उत्पादन को 1 लाख टन 13.02 लाख टन कर दिया, जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले 13.45 लाख टन उत्पादन हुआ था। कीमतों में बढ़ोतरी के कारण पिछले तीन महीनों के दौरान अरंडी के तेल का निर्मात कम हुआ है। सितंबर-नवंबर के दौरान निर्यात पिछले साल के 1.65 लाख टन की तुलना में 16% घटकर 1.39 लाख टन रह गया। इसी तरह (अगस्त-नवंबर) के दौरान अरंडीमील के निर्यात में 32% की गिरावट हुई। (शेयर मंथन, 27 जनवरी 2022)
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