अच्छी भौतिक माँग और कमजोर आपूर्ति के कारण कॉटन वायदा (मार्च) की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी रही।
यदि कीमतें 38,650 रुपये के बाधा स्तर को पार करती हैं तो 40,000 के स्तर तक बढ़ सकती हैं। उत्पादन में कमी की आशंका, धीमी आवक, बेहतर घरेलू और निर्यात माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 75% अधिक हैं और नये साल में लगभग 14% बढ़ी है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को फरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलोग्राम) कर दिया। दूसरे अग्रिम अनुमान में, सरकार ने पहले अनुमान के 362 लाख गांठ से देश में कपास उत्पादन को घटाकर 340 लाख गांठ कर दिया है।
ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की वायदा कीमतों में लगातार दो सप्ताह की तेजी के बाद पिछले सप्ताह उच्च स्तर पर मुनाफावसूली के कारण गिरावट हुई और अब तत्काल सहारा 6,000 रुपये पर है और यदि कीमतें 6,320 के रुकावट स्तर को पार करती है तो 6,600 रुपये के स्तर तक कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, पिछले 5 वर्षों में सबसे कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 60% अधिक हैं। तेल-रिग की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 248 अधिक है। एपीडा द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 5% बढ़कर 22300 टन हो गया है, जबकि 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38.4% बढ़कर 2.64 लाख टन हुआ है।
अरंडी वायदा (अप्रैल) की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 7,460 रुपये के करीब कारोबार कर रही है। कीमतों में अभी भी तेजी का रुझान है और उम्मीद है कि कीमतें 7,600 रुपये तक बढ़ सकती है। अधिक माँग और कम उत्पादन अनुमान के कारण वर्तमान में अरंडी की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 54% अधिक हैं, जबकि इस वर्ष कीमतों में 24% से अधिक की वृद्धि हुई है। एसईए ग्लोबल कैस्टर कॉफ्रेंस 2022 में 2021-22 में भारत में अरंडी का उत्पादन 17.95 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2020-21 में 17.89 लाख टन था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात पिछले साल के निर्यात 5.06 लाख टन के बराबर है।
मेंथा ऑयल (मार्च) की कीमतें पिछले हफ्ते बहुत कम दायरे में कारोबार कर मामूली गिरावट के साथ बंद हुई। तत्काल अड़चन 1,050 रुपये के स्तर पर है और सहारा 1,000 रुपये पर है। साप्ताहिक स्तर पर कीमतों में तेजी का रुझान है और आने वाले हफ्तों में 1,100 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में मक्का और अन्य ग्रीष्मकालीन फसलों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के कारण इस मौसम में मेंथा की बुवाई प्रभावित होने वाली है। (शेयर मंथन, 21 मार्च 2022)
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