कारोबारियों की ओर से नयी खरादारी के कारण हल्दी वायदा (मई) की कीमतों में कल 3.3% की बढ़त दर्ज की गयी।
मसाला उद्योगों की ओर से माँग और निर्यात माँग बढ़ रही है। अब कीमतें 9,600 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 10,100 रुपये के स्तर को पार करती है तो 10,500 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती है। वर्तमान में कीमते पिछले साल की तुलना में लगभग 23% अधिक है। नये सीजन की ही की आवक बाजार में कम हो रही है और सीजन बढ़ने के साथ निर्यात बचने की उम्मीद है। 20021-22 सीजन के लिए सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2021-22 में हल्दी का उत्पादन 11.76 लाख म का अनुमान है जो 2020-21 में 11.24 लाख वाणिज्य विभागों द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में हल्दी का दिसंबर 2021 के 14,275 कोना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल जनवरी) में, पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।
मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (मई) की कीमतों में 08% की गिरावट हुई है। मंगलवार को कीमतें 23,495 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी थी। अब कीमत 23,000 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 22,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कम वर्ष दर वर्ष 59% अधिक हैं। बागवानी फसलों के पहले सरकारी अग्रिम अनुमान के अनुसार 2021-22 जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन होने का अनुमान है जो 2020-21 में 7.95 लाख टन उत्पादन हुआ था वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया जबकि दिसंबर 2021 में 12383 टन था। लेकिन अप्रैल जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था
मुनाफा के कारण धनिया वायदा (मई) की कीमतें सात वर्षा के उच्च स्तर से कल 0.9% की गिरावट के साथ बंद हुई है। अब कीमतें 12,650 रुपये पर सहारा के साथ 13,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है हाजिर बाजारों में आवक स्थिर होने के बीच माँग में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम से रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से 78% अधिक हैं और जनवरी 2012 के बाद से 45.5% अधिक है। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4,630 टन की तुलना में 15% कम 3,390 टन रह गय है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 08 अप्रैल 2022)
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