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कैस्टरसीड में गिरावट, कॉटन को 43,200 रुपये पर सहारा रहने की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल स्थिरता रही है।

कम आवक और बेहतर माँग के कारण कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर 44,100 रुपये पर बरकरार है। अब कीमतें 43,200 रुपये पर सहारा के साथ 45,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 99.5% अधिक है जबकि इस वर्ष अब तक 29% बढ़ी है। घरेलू कपास की आवक पिछले साल की तुलना में अब तक 25 फीसदी या 88.95 लाख गांठ कम होकर 238 लाख रह गयी है। यूएसडीए की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले सीजन (2022) में कपास की बुआई कुल 12.2 मिलियन एकड़ में होने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक है। मार्च की अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, यूएसडीए ने 2021-22 में वैश्विक कपास उत्पादन अनुमान को फरवरी 2022 में अनुमानित 120.2 मिलियन गांठ की तुलना में घटाकर 119.9 मिलियन गांठ (1 यूएस गांठ=218 किलो ग्राम) कर दिया। 2021-22 में विश्व स्तर कपास का अंतिम स्टॉक अब पिछले महीने की तुलना मं 1.7 मिलियन गांठ कम होकर 82.57 मिलियन गांठ रह सकता है। भारत में कपास का उत्पादन लगातार दूसरे महीने 5,00,000 गांठ घटकर 26.50 मिलियन गांठ रहने का अनुमान है।
ग्वारसीड वायदा (मई) की कीमतों में कल 1.5% की गिरावट हुई। अब कीमतें यदि 6,750 रुपये के रुकावट स्तर के साथ 6,600 रुपये तक गिरावट दर्ज कर सकती है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 69% अधिक हैं। तेल रिगों की संख्या भी पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 253 बढ़कर 670 हो गयी है। जनवरी 2022 में ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 5% बढ़कर 22,300 टन हो गया है, जबकि 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 38.4% बढ़कर 2.64 लाख टन हुआ है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कैस्टरसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 1.2% की गिरावट के साथ हुई। अब कीमतें 7,300 रुपये पर बाधा के साथ 7,100 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 48% अधिक है। एसईए के अनुसार, फरवरी 2022 में अरंडीमील का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 40% बढ़कर 32,000 टन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में अरंडी का उत्पादन 17.95 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो 2020-21 में 17.89 लाख टन था। अप्रैल-जनवरी के दौरान अरंडी के तेल का निर्यात पिछले साल के निर्यात 5.06 लाख टन के बराबर है। (शेयर मंथन, 08 अप्रैल 2022)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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