डॉलर के मजबूत होने के कारण सर्राफा की कीमतों में नरमी बरकरार रह सकती है, लेकिन निचले स्तर पर शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) से इंकार नही किया जा सकता है।
अमेरिकी मुद्रास्पफीति में बढ़ोतरी के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना बढ़ती जा रही है, जिससे सर्राफा की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। जून में हाल ही में अमेरिकी मुद्रास्फीति लगभग साढ़े छह वर्षो में सबसे अधिकतम स्तर 2.9% पर पहुँच गयी है। साथ ही भारतीय रुपये के थोड़ा मजबूत होने से घरेलू बाजार में सर्राफा की कीमतों पर दबाव पड़ा है।
सोना (अगस्त) की कीमतों को 30,200 रुपये के नजदीक बाधा और 29,900 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है, जबकि चांदी (सितम्बर) की कीमतों को 39,400 रुपये के नजदीक बाधा और 38,600 रुपये के करीब सहारा रह सकता है। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छी गति से बढ़ रही है और मौजूदा सरकारी कर और निवेश कार्यक्रमों के कारण घरेलू जीडीपी में बढ़ोतरी होने की संभावना है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्टीवन म्यूनिक के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर बातचीत फिर से शुरू हो सकती है लेकिन इसके लिए चीन को अहम बदलाव के लिए तैयार होना होगा। अमेरिकी फंड निवेशकों ने कमोडिटी फंड से 1 बिलियन डॉलर निकाल लिया है जो जुलाई 2017 के बाद सबसे अधिक निकासी है।
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव कम होने से बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया को परमाणु शस्त्र रहित करने के अमेरिकी प्रयासों को चीन बाधित कर सकता है, लेकिन यह भी स्वीकार किया है कि वे इस बात लेकर आश्वस्त है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन पिछले महीने हुए करार का सम्मान करेंगे। (शेयर मंथन, 16 जुलाई 2018)
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