सर्राफा की कीमतों में उच्च स्तर से गिरावट होने की संभावना है। सोने की कीमतों में 51,780 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 50,600 रुपये तक गिरावट हो सकती है जबकि चांदी की कीमतों में 68,690 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 66,800 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
डॉलर के कमजोर होने से आज सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है जबकि अमेरिकी रोजगार के कमजोर आँकड़ों और कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन देने की जरूरत पड़ने की स्थिति में प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा फिर से स्टीमुलस देने के वादे से भी सर्राफा की माँग में बढ़ोतरी हुई। अमेरिकी सोना वायदा 0.6% बढ़कर 1,960.80 डॉलर पर बंद हुआ। डॉलर का सूचकांक अपने प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले 0.1% कमजोर हुआ है जिससे अन्य मुद्राओं के खरीदारों के लिए सोना अधिक आकर्षक हो गया।
अमेरिकी श्रम विभाग की साप्ताहिक बेरोजगार रिपोर्ट के अनुसार अगस्त के अंत में लगभग 30 मिलियन लोगों ने बेरोजगारी लाभ का दावा किया था जो कोरोना वायरस के कारण निरंतर आर्थिक और मानवीय तबाही की ओर संकेत कर रहा है। बैंक ऑफ इंग्लैंड ने कहा कि वह इस बात पर अधिक बारीकी से विचार कर रहा है कि वह शून्य से नीचे ब्याज दरों में कटौती कैसे कर सकता है क्योंकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के बढ़ते मामलों, अधिक बेरोजगारी और नये ब्रेक्सिट के संभावित झटके का एक तिहरा सामना करना पड़ रहा है। जापान के बैंक ने मौद्रिक नीति को स्थिर रखा और यदि अस्पफीति का खतरा बढ़ गया तो स्टीमुलस को कम करने के लिए तत्परता का संकेत दिया। कस्टम विभाग के आँकड़ों के अनुसार स्वीटजरलैंड से संयुक्त राज्य अमेरिका को सोने का निर्यात अगस्त में रुक गया है जबकि चीन और भारत के लिए निर्यात बढ़ गया। चांदी की कीमतें 0.5% फसलकर 26.97 डॉलर प्रति औसतन रह गयी। (शेयर मंथन, 18 सितंबर 2020)
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