रूस, अमेरिका और सऊदी अरब में तेल के अधिक उत्पादन के कारण कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है।
लेकिन लीबिया और कनाडा से तेल निर्यात को लेकर अनिश्चितता बने रहने के कारण कीमतों में गिरावट सीमित रह सकती है। अमेरिका और अन्य देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव गहराते जाने के कारण आज तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है लेकिन अधिक माँग और आपूर्ति बाधित होने के कारण बाजार में आपूर्ति कम रह सकती है। कनाडा के सिनक्रूड से लगभग 3,00,000 बैरल प्रति दिन तेल का उत्पादन बंद होने के कारण उत्तरी अमेरिका में आपूर्ति कम हुई है और जुलाई तक उत्पादन बंद रहने की संभावना है। अमेरिका से बाहर ओपेक और कुछ गैर-ओपेक देशों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती जारी रखने और अधिक माँग के कारण 2018 में तेल की कीमतों में जोरदार तेजी जारी रही है। कच्चे तेल की कीमतों को 5,030 रुपये के स्तर पर सहारा और 5,120 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।