कच्चे तेल की कीमतें 4,880-4950 रुपये के दायरे में रह सकती हैं।
लीबिया से तेल की आपूर्ति की समस्या के समाप्त होने बाद कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान है। लीबिया की नेशनल ऑयल कॉर्प चार तेल निर्यात टर्मिनल को फिर से खोल देगी, जिससे 8,50,000 बैरल प्रति दिन कच्चे तेल की आपूर्ति बाजार में होने लगेगी। इसके पहले विद्रोही गुटों के साथ गतिरोध के कारण लीबिया के तेल उत्पादन के अधिकांश टर्मिनल बंद कर दिये थे।
उधर अमेरिका द्वारा ओपेक के प्रमुख देश ईरान पर नवंबर से पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने की योजना से बाजार में तेल की आपूर्ति के कम होने की आशंका से हाल ही में तेल की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी है। अमेरिका ने नवंबर तक ईरान से तेल निर्यात पूरी तरह से समाप्त करने को कहा है। इस बीच सनकोर एनर्जी ने कहा है कि कनाडा के सिनक्रूड के 3,60,000 बैरल प्रति दिन में से कुछ कच्चे तेल की आपूर्ति जुलाई में शुरू हो जायेगी। अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने आगाह किया है कि ओपेक और रूस द्वारा उत्पादन बढ़ाये जाने के बाद विश्व बाजार में आपूर्ति अधिक हो सकती है।
दूसरी ओर जून में चीन द्वारा कच्चे तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में कम हुआ, क्योंकि कुछ रिफाइनरियों ने मार्जिन कम होने के कारण ऑपरेशन कम कर दिया या वे पहले से ही बंद हैं। अमेरिकी नेचुरल गैस का उत्पादन रिकॉर्ड उच्च स्तर पर होने के कारण नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों में 194 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 185 रुपये तक गिरावट हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 8-14 दिनों में अमेरिका के केन्द्रीय और पश्चिमी भागों में तापमान अधिकांशतः सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 16 जुलाई 2018)