कच्चे तेल की कीमतों में नरमी बरकरार रह सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों को 4,630 रुपये के नजदीक सहारा और 4,740 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को अनदेखा करते हुए कारोबारियों और निवेशकों की नजर तेल की बढ़ती आपूर्ति पर होने के कारण आज तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है। कल अमेरिका द्वारा ईरान को फिर से कड़ी कार्रावाई की धमकी दिये जाने के कारण तेल की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी थी। अमेरिकी प्रतिबंध के बाद नवम्बर तक ईरान से तेल आपूर्ति बंद होने को देखते हुए सउदी अरब और अन्य बड़े तेल उत्पादकों द्वारा तेल उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। व्यापार को लेकर तनाव के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के बाधित होने से माँग में कमी की आशंका से भी तेल की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है।
इस बीच हेज फंडों ने पेट्रोलियम में कुल लांग पोजिशन में कमी की है। नेचुरल गैस की कीमतों के एक दायरे में रहने की संभावना है और कीमतों को 190 रुपये के स्तर पर बाधा और 185 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। हाल के महीनों में रिकॉर्ड उत्पादन और अगले दो हफ्ते में गर्मी कम रहने के अनुमान के कारण मांग में कमी की आशंका से अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में 11 महीने के निचले स्तर पर गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 24 जुलाई 2018)