मिले-जुले रुझान के कारण कच्चे तेल की कीमतें सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों को 4,560 रुपये के नजदीक सहारा और 4,650 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच चीन द्वारा कच्चे तेल को टैरिफ सूची से हटाने के फैसले से सबसे बड़े तेल आयातक साइनोपेक ग्रुप के नेतृत्व में तेल कंपनियों ने राहत की साँस ली है। अमेरिका के 16 बिलियन डॉलर के उत्पादों की सूची में से कच्चे तेल को हटाने से तेल की आपूर्ति को लेकर अमेरिका के बढ़ते महत्व का पता चलता है और चीन अमेरिका सहित विभिन्न स्रोतों से तेल की आपूर्ति को बरकरार रखना चाहता है। जून में चीन ने रिकॉर्ड 5,53,000 बैरल प्रति दिन अमेरिकी कच्चे तेल का आयात किया है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2018)