कच्चे तेल में निचले स्तर पर शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) हो सकती है।
हाल ही में तेल भंडार में बढ़ोतरी के कारण कीमतों पर दबाव पड़ा है। ईआईए के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार अनुमान से 6.81 मिलियन बैरल बढ़ा है। लेकिन चीन द्वारा व्यापार वार्ता के लिए प्रतिनिधि मंडल अमेरिका भेजने की घोषणा के बाद कीमतों को थोड़ी मदद मिली। कच्चे तेल की कीमतों को 4,500 रुपये पर सहारा और 4,700 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। वेनेजुएला और लीबिया में राजनीतिक अस्थिरता के साथ ही ईरान पर प्रतिबंध के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। ईरान पर प्रतिबंध के कारण तेल बाजार से लगभग 1 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल की आपूर्ति कम हो सकती है।
उधर ओपेक ने कहा है कि अमेरिका एवं चीन के बीच बढ़ते व्यापार विवाद से वैश्विक आर्थिक वृद्धि में धीमेपन की आशंका के कारण कच्चे तेल की माँग कम हो सकती है। इस बीच अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन दो हफ्ते की गिरावट के बाद फिर से बढ़कर 10.9 मिलियन बैरल प्रति दिन हो गया है। दूसरी ओर जुलाई में जापान में कच्चे तेल का आयात 29 वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गया है। जुलाई में सउदी अरब ने ओपेक से कहा था कि वह तेल उत्पादन 2,00,000 बैरल प्रति दिन कम करके 10.288 मिलियन बैरल प्रति दिन कर देगा।
वहीं नेचुरल गैस वायदा की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतों को 202 रुपये के स्तर पर सहारा और 210 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। अमेरिका के अधिकांश भागों में कम तापमान के कारण गैस माँग कम बनी हुई है और अमेरिकी गैस के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)