मिले-जुले फंडामेंटल के कारण कच्चे तेल की कीमतों के सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
वियना में हुई दो दिनों की बैठक में ओपेक और रूस द्वारा जनवरी से तेल उत्पादन में 1.2 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती पर सहमत होने से कीमतों को मदद मिली। हाल ही में ओपेक की मासिक रिपोर्ट में मिले-जुले अनुमान व्यक्त किये गये हैं, जहाँ विश्व स्तर पर 2019 में तेल की माँग के अनुमान में कोई बदलाव नही किया गया है, जबकि गैर-ओपेक देशों की ओर से तेल की आपूर्ति में वृद्धि 80,000 बैरल प्रति दिन कम होकर 21.6 लाख बैरल प्रति दिन रह जाने और कुल आपूर्ति 6.219 करोड़ बैरल प्रति दिन रहने का अनुमान है।
कच्चे तेल की कीमतों को 3,600 रुपये के पर सहारा और 3,815 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। ईरान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि ओपेक में सहमति नहीं है लेकिन लीबिया में स्थानीय विद्रोहियों द्वारा देश के सबसे बड़े तेल क्षेत्रों अल-शरारा पर कब्जा करने के बाद तेल की आपूर्ति बाधित होने से भी कीमतों को मदद मिल सकती है।
ईआईए के अनुसार 07 दिसंबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 3 मिलियन बैरल की गिरावट के अनुमान की तुलना में 1.2 मिलियन बैरल ही कम हुआ है। लेकिन गैसोलीन का भंडार 2.5 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी के अनुमान की तुलना में 2.1 मिलियन बैरल ही बढ़ा है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में तेज उठापटक जारी रहने की संभावना है और कीमतें तेज गिरावट के साथ 265-260 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। अमेरिका में आगामी हफ्तों में मौसम के सामान्य रहने के अनुमान से गैस की माँग कम रहने से कीमतों पर दबाव पड़ सकता है, जबकि गैस भंडार में भी अनुमान से कम गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2018)