बुधवार को राहत भरी तेजी के बावजूद अक्टूबर के प्रारंभ के उच्च स्तर से कच्चे तेल की कीमतों में 38% तक गिरावट हुई है।
यह भारत, जो कच्चे तेल का प्रमुख उपभोक्ता है, के लिए काफी राहत लेकर आया है। वित्तीय बाजारों में नरमी जारी रहने से तेल बाजार पर दबाव पड़ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमा होने की आशंका और अमेरिकी सरकार की आंशिक कार्यबंदी के साथ ही चीन और अमेरिका के बीच तनाव बरकरार रहने के कारण सटोरिये अनिर्णय की स्थिति में हैं। अमेरिका से कच्चे तेल की आपूर्ति अनुमान से अधिक हो रही है।
एपीआई के अनुसार कच्चे तेल के भंडार में 2.869 मिलियन बैरल की कमी के अनुमान की तुलना में 6.9 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी के अनुमान के बाद तेल की कीमतों पर दबाव पड़ा। बाजार में गिरावट का भय अभी भी व्याप्त है। वर्तमान समय में तेल बाजार में आपूर्ति की अधिक की स्थिति है, जो तीन महीने पहले के, जब लगता था कि विश्व तेल बाजार में आपूर्ति कम हो रही है, के विपरीत स्थिति है। आपूर्ति की अधिकता के साथ ही अन्य एसेट समूहों में निवेशकों को सेंटीमेंट बाधित से भी तेल बाजार में नरमी का रुझान है। एमसीएक्स में कच्चे तेल की कीमतों को 2,950-3,120 रुपये के दायरे में सहारा मिल सकता है और यदि कीमतें 3,280 रुपये से ऊपर स्थिर होती हैं, तो कीमतों में 3,450-3,560 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
नेचुरल गैस की कीमतों में 19-26 दिसंबर में दर्ज उच्च स्तर से गिरावट जारी रह सकती है, क्योंकि नववर्ष के पहले हफ्ते में गर्म मौसम रहने का अनुमान है। फिलहाल गैस की कीमतें 232-253 के दायरे में कारोबार कर रही है। यदि कीमतें 253 रुपये के स्तर को पार करती हैं, तो कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है अन्यथा कीमतों में 232-220 रुपये तक गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 31 दिसंबर 2018)
एपीआई के अनुसार कच्चे तेल के भंडार में 2.869 मिलियन बैरल की कमी के अनुमान की तुलना में 6.9 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी के अनुमान के बाद तेल की कीमतों पर दबाव पड़ा। बाजार में गिरावट का भय अभी भी व्याप्त है। वर्तमान समय में तेल बाजार में आपूर्ति की अधिक की स्थिति है, जो तीन महीने पहले के, जब लगता था कि विश्व तेल बाजार में आपूर्ति कम हो रही है, के विपरीत स्थिति है। आपूर्ति की अधिकता के साथ ही अन्य एसेट समूहों में निवेशकों को सेंटीमेंट बाधित से भी तेल बाजार में नरमी का रुझान है। एमसीएक्स में कच्चे तेल की कीमतों को 2,950-3,120 रुपये के दायरे में सहारा मिल सकता है और यदि कीमतें 3,280 रुपये से ऊपर स्थिर होती हैं, तो कीमतों में 3,450-3,560 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।
नेचुरल गैस की कीमतों में 19-26 दिसंबर में दर्ज उच्च स्तर से गिरावट जारी रह सकती है, क्योंकि नववर्ष के पहले हफ्ते में गर्म मौसम रहने का अनुमान है। फिलहाल गैस की कीमतें 232-253 के दायरे में कारोबार कर रही है। यदि कीमतें 253 रुपये के स्तर को पार करती हैं, तो कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है अन्यथा कीमतों में 232-220 रुपये तक गिरावट हो सकती है। (शेयर मंथन, 31 दिसंबर 2018)