पिछला हफ्ता वर्ष 2018 का लगभग अंतिम हफ्ता था। 2018 में केवल एक दिन का कारोबार बचा हुआ है।
इस हफ्ते में नरमी के रुझान के साथ कम कारोबार हुआ है। 2016 और 2107 में अच्छी बढ़त दर्ज करने के बाद 2018 में औद्योगिक धतुओं की कीमतों में गिरावट हुई है। अमेरिका के साथ व्यापार विवाद के साथ ही चीन में धीमेपन और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी के कारण कीमतों पर दबाव पड़ा। एसएमसी कमोडिटीज के मुताबिक बैटरी की अधिक माँग के बीच भंडार में गिरावट और कम आपूर्ति के कारण लेड की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा सकती है।
लेड की कीमतों में 147-148 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, जबकि 136-137 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है। इक्विटी बाजारों में गिरावट और भंडार में बढ़ोतरी के कारण तांबे की कीमतों में नरमी रही। दिसंबर में एलएमई में ऑन वारंट तांबे का भंडार अभी तक 43% बढ़ा है, जो बेहतर आपूर्ति की ओर संकेत कर रहा है। तांबे की कीमतों के 412-430 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
जिंक हाइयर-हाई और हाइयर-लो बना रहा है, जो आगामी दिनों में तेजी की ओर संकेत करता है। फिर भी कीमतों में बढ़त पर 185-186 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है। कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी उछाल से एल्युमीनियम की कीमतों को मदद मिल सकती है, जिसके साथ इसका अधिक सह-संबंध होता है। गुरूवार को एल्युमीनियम की कीमतें 16 महीने के निचले स्तर पर लुढ़क गयीं, जब अमेरिका ने एल्युमीनियम उत्पादक रूसल पर से प्रतिबंध हटाये जाने की योजना की घोषणा की। अनुमानों से पता चलता है कि 2019 में निकल की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी। इंडोनेशिया ने निकल की आपूर्ति में बढ़ोतरी करने की योजना बनायी है। निकल में निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है, लेकिन बढ़त पर 760 रुपये के नजदीक रोक लग सकती है। (शेयर मंथन, 31 दिसंबर 2018)