कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट होने की संभावना है।
विश्व स्तर पर व्यापारिक तनाव के बरकरार रहने और अमेरिकी कच्चे तेल के उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने के कारण आज तेल की कीमतों में गिरावट हुई है और नवंबर के बाद कीमतों में सबसे बड़ी गिरावट हुई है। चीन के साथ तनाव बरकरार रहने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मेक्सिको पर शुल्क लगाये जाने के झटके से वैश्विक धीमेपन की आशंका बढ़ने के कारण तेल की कीमतो पर दबाव पड़ा है।
कच्चे तेल की कीमतों के 3,960 रुपये पर बाधा के साथ 3,850 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से कम गिरावट के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ा है। ईआईए के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन रिकॉर्ड 1.23 लाख बैरल के स्तर पर पहुँच गया है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों को 176 रुपये पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतें 182 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 31 मई 2019)
कच्चे तेल की कीमतों के 3,960 रुपये पर बाधा के साथ 3,850 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से कम गिरावट के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ा है। ईआईए के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल का उत्पादन रिकॉर्ड 1.23 लाख बैरल के स्तर पर पहुँच गया है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में तेजी रह सकती है। कीमतों को 176 रुपये पर सहारा रहने की संभावना है और कीमतें 182 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं। (शेयर मंथन, 31 मई 2019)