कच्चे तेल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से अधिक बढ़ोतरी और अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के व्यापार करार से विवाद के समाप्त होने की संभावना पर संशय के कारण शुक्रवार को तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। दोनों देशों के बीच व्यापार विवाद के कारण विश्व स्तर पर आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी हुई है और एनालिस्टों ने तेल माँग में कमी का अनुमान लगाया है और इस कारण 2020 में आपूर्ति बढ़ सकती है।
दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध ने दुनिया भर में आर्थिक विकास को धीमा कर दिया है और इसने वैश्विक तेल माँग को प्रभावित किया है। चीन के वाणिज्य मंत्री ने कहा है कि चीन और अमेरिका दोनों ही बिना किसी समय सीमा के चरणबद्ध तरीके से शुल्क हटाये जाने को लेकर सहमत हो गये हैं। लेकिन ट्रंप ने ऐसे किसी समझौते से इन्कार किया है। इस बीच ईरान ने देश के दक्षिणी इलाके में एक नये तेल क्षेत्रों की खोज की है, जिससे ईरान के तेल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतें 4,110 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 4,000 रुपये पर पहुँच सकती हैं। ईआईए के अनुसार पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। नेचुरल गैस वायदा में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है और कीमतों में 206 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 196 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। (शेयर मंथन, 11 नवंबर 2019)