पिछले सप्ताह तेल की कीमतों में लगभग 17% की वृद्धि के बाद गिरावट दर्ज की गयी।
ईंधन की माँग में रिकवरी के संकेत पर संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में कोरोना वायरस के नये मामलों की बढ़ती संख्या और अमेरिकी उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से रोक लग गयी। उपग्रहों से प्राप्त आँकड़ों से पता चलता है कि चीन, यूरोप और पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में यातायात में बढ़ोतरी देखी जा रही है। रॉयटर्स को प्रदान किये गये डेटा से पता चला है कि पिछले कुछ हफ्तों में शंघाई में भीड़ पिछले साल की अवधि की तुलना में अधिक थी, जबकि मॉस्को में टैफिक पिछले साल के स्तर पर वापस आ गया है। लेकिन अमेरिका के दक्षिणी में कोविड-19 संक्रमणों की दूसरी लहर की आशंका के कारण
सेंटीमेंट पर दबाव पड़ सकता है, विशेष रूप से उन राज्यों में से फ्लोरिडा और टेक्सास जैसे कुछ राज्य सबसे बड़े गैसोलीन उपभोक्ता है। इन राज्यों से माँग में कमी आ सकती है। वैश्विक आर्थिक आउटलुक भी खराब हो गया है या पिछले महीने के स्तर पर बरकरार है और मंदी के दौर की संभावना पहले के अनुमान की तुलना में अधिक गहरा होने की उम्मीद है। डलास फेडरल रिजर्व बैंक द्वारा शीर्ष अमेरिकी तेल और गैस उत्पादक क्षेत्रों में अधिकारियों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि आधे से अधिक अधिकारियों, जिन्होने उत्पादन में कटौती की, ने जुलाई के अंत तक कुछ उत्पादन फिर से शुरू करने की उम्मीद की है।
इस हफ्ते कच्चे तेल की कीमतें 3,280 रुपये की ओर तेजी से बढ़ सकती है जबकि कीमतों को 2,780 के पास सपोर्ट रुपये रह सकता है। कोरोना वायरस से माँग में कमी के कारण नेचुरल गैस वायदा की कीमतें 25 साल के निचले स्तर तक पहुँच गयी। गर्मियों के सीजन के अंत तक गैस भंडार के पूरी तरह से भर जाने की संभावना से कीमतों पर दबाव रह सकता है।
नेचुरल गैस की कीमतें 108-125 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 29 जून 2020)