कोरोना वायरस मामलों के बढ़ोतरी के बीच ईंधन की माँग में वृद्धि को लेकर चिंता और एक नये स्टीमुलस सौदे पर संयुक्त राज्य में वार्ता रुकने से कच्चे तेल की कीमतें उच्च स्तर से फिसल गयी है।
लेकिन डब्ल्यूटीआई और ब्रेंट दोनों कच्चे तेल की कीमतों में कम से कम 4% की साप्ताहिक बढ़त हुई हैं। कोरोना के बढ़ते मामले ईंधन की माँग में वृद्धि और बदले में तेल की कीमतों के लिए प्रमुख अनिश्चितता बने हुये है। अगले कोरोना वायरस प्रोत्साहन पैकेज पर व्हाइट हाउस और डेमोक्रेट्स के बीच वार्ता में प्रगति की कमी के साथ, डेमोक्रेटों ने कहा है कि अगर वह आगे बातचीत नहीं करना चाहते हैं तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कार्यकारी आदेश जारी करना पड़ सकता है। अमेरिकी ड्राइविंग सीजन जल्द ही समाप्त होने के साथ, वायरस राहत पैकेज ही ईंधन की माँग को बढ़ावा देने की आखिरी उम्मीद है। महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन के कारण वैश्विक खपत में गिरावट आई है, जबकि गैसोलीन की माँग तीसरी तिमाही में साल-दर-साल 7% के करीब आ रही है, जो रिकवरी में निरंतर धीमेपन के कारण हो रही है। इस सप्ताह हम कच्चे तेल में नरमी देख सकते हैं जहाँ कीमतों को 2,680 रुपये के स्तर के पास सहारा और 3,380 रुपये स्तर के पास अड़चन का समाना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी नेचुरल गैस के भंडार में सामान्य से कम बढ़ोतरी, लिक्विड नेचुरल गैस के बढ़ते निर्यात और अगस्त के अंत तक मौसम गर्म रहने के अनुमान के कारण अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा दिसंबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। अमेरिकी एलएनजी निर्यात छह महीने में पहली बार वृद्धि की ओर बढ़ रहा है क्योंकि जुलाई में पाइप लाइन में प्रवाहित होने वाली गैस की मात्रा के जुलाई, जब खरीदारों ने दर्जनों कार्गाो को रद्द कर दिया, के 21 महीने के निचले स्तर 3.3 बीसीएफडी से बढ़कर 3.9 बीसीएफडी हो जाने का अनुमान है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 140-178 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2020)