कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,270 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,080 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतों में कल गिरावट के बाद अमेरिकी डॉलर के दो साल के निचले स्तर से अधिक के स्तर पर पहुँचने के कारण आज तेजी दर्ज की गयी। वैश्विक स्तर पर तेल की माँग के पूर्व-सीओवीआईडी स्तरों से नीचे ही रहने और अधिक आपूर्ति के कारण दोनों वैश्विक बेंचमार्क कॉन्टैक्ट की कीमतों में कल लगभग 1% की गिरावट हुई थी। पिछले हफ्रते मुद्रास्फीति पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति में बदलाव के मद्देनजर डॉलर प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर 0.04% कम होकर 92.146 पर पहुँच गया जो मई 2018 के बाद सबसे निचला स्तर है। अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से तेल और अन्य वस्तुओं की कीमत वैश्विक खरीदारों के लिए अधिक आकर्षक हो जाती है। कुल मिलाकर, बाजार की नजर ईंधन की रुकी हुई माँग पर टिकी हुई है क्योंकि देशों की कोविड-19 लॉकडाउन के साथ कोरोना वायरस महामारी की लड़ाई जारी हैं। रिफाइनिटिव के आँकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में चीन के कच्चे तेल के आयात में पाँच महीने में पहली बार गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े आयातक ने कच्चे तेल की रिकॉर्ड मात्रा को संग्रहित किया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है और कीमतों में 195 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 186 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। अमेरिकी मौसम के अनुमान से अण्कि ठंडा रहने के कारण वातानुकूलन के लिए कम माँग की संभावना से नेचुरल गैस का वायदा की कीमतों में कल गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 01 सितम्बर 2020)