कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,940 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 2,820 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट जो बिडेन की जीत होने लेकिन रिपब्लिकन का सीनेट पर नियंत्राण बने रहने की संभावना से किसी भी बड़े सीओवीआईडी-19 राहत पैकेज को वापस लेने की आशंका से डॉलर के मजबूत होने के कारण आज तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी है। एक विभाजित कांग्रेस संभवतः जलवायु परिवर्तन से लड़ने या तेल उत्पादक ईरान पर प्रतिबंधे को कम करने जैसी प्रमुख प्राथमिकताओं को लागू करने से रोक सकती है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों और उसके सहयोगियों के संगठन, जिसे ओपेक प्लस कहा जाता है, जनवरी में आपूर्ति में प्रति दिन 2 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी पर रोक लगाये जाने की संभावना और अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में गिरावट से तेल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन अमेरिका और यूरोप के कई देशों में कोविड-19 के संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है। फ्रांस, इटली और स्पेन में औसत राजमार्ग उपयोग जून के अंत से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है जो गैसोलीन की माँग के लिए अच्छा नहीं है।
नेचुरल गैस की कीमतों में उठापटक के साथ तेजी रह सकती है और कीमतों में 225 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 231 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन का अनुमान है कि मौजूदा सर्दी के मौसम में अधिक ठंड और लोगों के अपने घरों को गर्म रखने के कारण गैस की माँग पिछले साल की तुलना में 5% अधिक होगी। (शेयर मंथन, 05 नवम्बर 2020)