कई देशों द्वारा कोविड-19 टीके लगाना शुरू कर दिये जाने के बाद तेल की माँग में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 6% की बढ़ोतरी हुई है जबकि डब्ल्यूटीआई तेल की कीमतें मार्च की शुरुआत में पहली बार 48 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुँच गयी।
अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में बढ़ोतरी के बाद अभी भी पर्याप्त आपूर्ति के संकेत के कारण तेजी के सेंटीमेंट पर थोड़ी रोक लग गयी। ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह टीकाकरण शुरू कर किया है और संयुक्त राज्य अमेरिका इस सप्ताह के अंत में टीकाकरण शुरू कर सकता है। कनाडा ने अपने पहले टीके को मंजूरी दे दी और कहा कि शुरुआती डोज जल्द ही वितरित किये जायेंगे। दोनों बेंचमार्क की कीमतें मार्च के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है जिसमें ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 51.06 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 47.74 डॉलर प्रति बैरल हो गयी है। लेकिन उनके सापेक्ष शक्ति सूचकांक से पता चलता है कि दोनों ही अधिक खरीदारी वाले दायरे में पहुँच गये है। इस बीच एक इराकी तेल क्षेत्र पर हमले के कारण भी कीमतों को मदद मिली। इराक में एक छोटे से क्षेत्र में दो कुओं को विस्फोटकों द्वारा नष्ट कर दिया गया, लेकिन क्षेत्र से कुल उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ।
ओपेक प्लस जनवरी में प्रतिदिन अतिरिक्त 500,000 बैरल की बढ़ोतरी अपनी आपूर्ति को बढ़ा देगा, लेकिन बाजार को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के लिए पहले की तुलना में धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिये। इस हफ्ते में, कच्चे तेल की कीमतें 3,280-3,640 रुपये के दायरे में भारी उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है।
मौसम पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता के कारण नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी का रुझान रह सकता है। कुल मिलाकर फंडामेंटल नरमी का है, विशेष रूप से लंबे समय के मौसम अनुमानों के अनुसार पूर दिसंबर महीने में तापमान हल्का रह सकता है। भविष्यवाणी की जाती है। इस सप्ताह कीमतों में नरमी का रुझान रहने उम्मीद कर सकते हैं जहाँ कीमतों को 180 रुपये प्रति 172 रुपये के पास सहारा और 195 रुपये प्रति 225 रुपये के पास अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 14 दिसंबर 2020)