अमेरिकी राजकोषीय प्रोत्साहन सौदे को लेकर बढ़ती उम्मीदों और चीन और भारत में रिफाइनिंग के लिए रिकॉर्ड-तोड़ माँग के कारण कच्चे तेल की कीमतें 9 महीने के उच्च स्तर पर पहुँच गयी हैं।
अमेरिकी सांसद 900 बिलियन डॉलर के वायरस-राहत खर्च पैकेज पर समझौते के काफी करीब पहुँच गये हैं। कोरोना वायरस से रिकवरी दर्ज करने में एशिया आगे है, जहाँ उम्मीद है कि नये साल में हम कच्चे तेल की माँग में तेजी से वृद्धि देख सकते हैं, जबकि अमेरिका में वैक्सीन दिये जाने की शुरूआत हो रही है। लेकिन दूसरी ओर, विश्व स्तर पर 73.65 मिलियन से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुये है और 1,654,920 लोग मारे गये हैं। मामलों में उछाल से यात्राओं पर प्रतिबंधे को सख्त किया जा रहा है, जिससे निकट अवधि में ईंधन की माँग और बाजार के सेंटीमेंट पर आधारित है।
ओपेक प्लस ने बाजार में जनवरी से प्रति दिन 500,000 बैरल आपूर्ति बढ़ाने की योजना बनायी है, जो बाजार में 2 मिलियन बैरल प्रति दिन आपूर्ति बढ़ाने की ओर पहला चरण है। हालाँकि ओपेक प्लस बाजार की स्थितियों के अनुकूल अपनी नीतियों में बदलाव करने को तैयार है, जिससे लंबी अवधि में कच्चे तेल की कीमतों की सुरक्षा हो सके लेकिन निकट भविष्य में चुनौतियां अभी भी बढ़ सकती हैं। इस हफ्ते में, कच्चे तेल की कीमतें 3,380-3,720 रुपये के दायरे में भारी उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ कीमतों में गिरावट के बाद खरीदारी की जा सकती है।
तकनीकी रूप से अधिक बिकवाली की स्थिति और मौसम पूर्वानुमानों को लेकर अनिश्चितता के कारण नेचुरल गैस वायदा की कीमतों मे बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका के पूर्वी तट पर अगले 2 हफ्तों तक मौसम सामान्य से अधिक ठंडा रहने की उम्मीद है, जबकि पश्चिमी तट के अधिकांश हिस्सों में मौसम सामान्य से अधिक गर्म रहने की उम्मीद है। इस सप्ताह कीमतों के एक दायरे में कारोबार करने उम्मीद कर सकते हैं जहाँ कीमतों को 180 रुपये के पास सपोर्ट और 215 रुपये के पास बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2020)