कच्चे तेल में निचले स्तर पर खरीदारी होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,070 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,970 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
तेल की कीमतों में आज गिरावट देखी जा रही है क्योंकि दुनिया भर में एंटी-कोरोना वायरस टीकाकरण की धीमी गति को लेकर चिंता के कारण ईंधन की माँग में इस सप्ताह के शुरू में हुई रिकवरी की उम्मीद के कमजोर पड़ने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ा। ब्राजील और भारत जैसे देशों में टीकाकरण की धीमी गति और उच्च संक्रमण के कारण तेल और उसके उत्पादों के लिए दुनिया के बड़े बाजारों में माँग की संभावनायें बाधित हो रही है। इस बीच, अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अनुमान से अधिक गिरावट हुई है लेकिन ईंधन स्टॉक में वृद्धि हुई, जिससे पता चलता है कि अंतिम उत्पाद की माँग रिफाइनरियों के उत्पदन से मेल नहीं खा रही है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी, जिसे ओपेक प्लस कहा जाता है, ने जुलाई तक आपूर्ति प्रतिबंधें को धीरे-धीरे कम करने की अपनी योजना को बनाये रखने के लिए सहमति व्यक्त की है । बैठक के बाद सऊदी ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान ने बाजार को उत्साहित करते हुये कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में, दुनिया के दो सबसे बड़े तेल उपभोक्ताओं में, तेल की माँग में बढ़ोतरी हुई है और कहा है कि वैक्सीन रोलआउट की गति वैश्विक तेल बाजार में फिर से संतुलन स्थापित कर सकती है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार रहने की संभावना है और कीमतों को 220 रुपये के स्तर पर सहारा और 227 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 जून 2021)