कच्चे तेल में उच्च स्तर पर बिकवाली होने की संभावना हैं और कीमतों को 5,080 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 4,990 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल और ईंधन की माँग में सुधार की नाजुक स्थिति को लेकर चिंताओं के कारण तेल की कीमतों में गिरावट हुई है क्योंकि मई में चीन के तेल आयात में गिरावट हुई है। मई में चीन में कच्चे तेल का आयात एक साल पहले के उच्च स्तर से 14.6% कम हुआ है। यह इस साल दैनिक आवक सबसे निचले स्तर पर रही है क्योंकि रिफाइनरियों में रखरखाव के कारण तेल की खरीद कम हुई है। कुछ देशों में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण करने में सफल होने के कारण तेल की माँग की रिकवरी की उम्मीदों के कारण हाल के सप्ताहों में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। इस वर्ष ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 40% की वृद्धि हुई है और डब्ल्यूटीआई की कीमतों में इससे भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। पेट्रेलियम निर्यातक देशों के संगठन और सहयोगियों द्वारा आपूर्ति पर प्रतिबंध से भी कीमतों को मदद मिली है। लेकिन भारत जैसे प्रमुख तेल आयातक संक्रमण की लहरों से गुजर रहे हैं, जिससे इस साल की दूसरी छमाही में वैश्विक माँग में अपेक्षित बढ़ोतरी को लेकर अभी भी जोखिम बना हुआ है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार रहने की संभावना है और कीमतों को 223 रुपये के स्तर पर सहारा और 228 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। मौसम के कम गर्म रहने पूर्वानुमान के कारण कल अमेरिकी नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में गिरावट हुई है। (शेयर मंथन, 08 जून 2021)