कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना हैं और कीमतों को 5,290 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,200 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बाद डॉलर के मजबूत होने के कारण आज तेल की कीमतों में लगातार दूसरे गिरावट दर्ज की गयी। फिर भी कीमतें साप्ताहिक स्तर पर सपाट स्तर पर बंद होने में कामयाब हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 2023 में संभावित दरों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाने के बाद से डॉलर दो सत्रों में बढ़ गया है। डॉलर बढ़ने से अन्य मुद्राओं में तेल अधिक महँगा हो जाता है, जिससे माँग कम हो जाती है। ब्रिटेन द्वारा गुरुवार को 19 फरवरी के बाद से कोविड-19 के नये मामलों में सबसे अधिक दैनिक वृद्धि दर्ज करने के बाद तेल की कीमतों में भी गिरावट हुई। ब्रिटेन में सरकारी आँकड़ों के अनुसार एक दिन पहले के 9,055 की तुलना में 11,007 नये संक्रमण हुये है। गुरुवार को ईरान के शीर्ष वार्ताकार ने कहा है कि तेहरान और वाशिंगटन के बीच 2015 के ईरान परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने पर बातचीत पहले से कहीं अधिक समझौते के करीब आ गयी है, जिससे भी तेल की कीमतों को दबाव पड़ा।
नेचुरल गैस की कीमतों में कम दायरे में कारोबार रहने की संभावना है और कीमतों को 234 रुपये के स्तर पर सहारा और 242 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। राष्ट्रीय महासागरीय वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार मैक्सिको की खाड़ी में एक तूफान है, जिसे अगले 48 घंटे में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनने की 90% संभावना है। एनओएए के अनुसार, अगले 6-10 और 8-14 दिनों में तट पर मौसम हल्का और थोड़ा गर्म रहने की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 18 जून 2021)