कच्चे तेल की कीमतों में तेजी काफी अधिक हो गयी हैं इसलिए उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है।
कीमतों को 5,540 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 5,460 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। इस सप्ताह प्रमुख उत्पादकों के बीच वार्ता के स्थगति हो जाने के बाद आपूर्ति बढ़ने की चिंता के बीच आज तेल की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई है । पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और ओपेक प्लस के रूप में जाने जाने वाले रूस सहित उसके सहयोगियों के बीच वार्ता के सोमवार के बंद होने के बाद से ब्रेंट की कीमतें लगभग 5.3% लुढ़क गयी हैं, जब समूह के प्रमुख नेता सऊदी अरब ने समूह के आपूर्ति कटौती समझौते के तहत संयुक्त अरब अमीरात से अपना उत्पादन बढ़ाने की माँग को सहमति देने से इनकार कर दिया था।। ओपेक प्लस के तीन सूत्रों ने बुधवार को कहा कि रूस तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए एक समझौते पर पहुँचने के लिए सऊदी अरब और यूएई के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर संयुक्त राज्य अमेरिका में तेल के भंडार में भारी गिरावट से कीमतों को कुछ मदद मिली है। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के अनुसार दुनिया में सबसे बड़े तेल उपयोगकर्ता में तेल भंडार में 2 जुलाई को समाप्त में 8 मिलियन बैरल की गिरावट हुई है जबकि रायटर पोल के विश्लेषकों के अनुसार 4 मिलियन बैरल की गिरावट का अनुमान था। ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) के अनुसार 2021 में अमेरिकी तेल उत्पादन 11.10 मिलियन बैरल प्रति दिन होने का अनुमान है जो 2020 से 210,000 बैरल प्रति दिन कम होगा। दुनिया के चौथे सबसे बड़े तेल उपयोगकर्ता जापान में कोरोना वायरस की चिंताओं का भी कीमतों पर असर पड़ा, जिसने संक्रमण की एक नयी लहर के बीच 22 अगस्त तक टोक्यो क्षेत्रा के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित करने की ओर बढ़ रहा है और दक्षिण कोरिया में भी कोविड-19 के मामले अपने उच्चतम दैनिक स्तर पर पहुँच गये है।
नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 264 रुपये के स्तर पर सहारा और 269 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 08 जुलाई 2021)