कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों को 5,600 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,480 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
दुनिया भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि जारी रहने से माँग को लेकर संदेह के कारण आज तेल बाजार में नरमी दर्ज की गयी है क्योंकि निवेशकों ने इस डर से मुनाफा कमाया कि कीमतों में बढ़ोतरी से ईंधन की माँग कमजोर हो सकती है। कारोबरियों को उम्मीद है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगी, जिन्हें आमतौर पर ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, अगले सप्ताह मिलने पर आपूर्ति को कम रखने का फैसला करेंगे। अगले कुछ वर्षों में तेल की माँग में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीद है, इसलिए ओपेक ने मंगलवार को एक चेतावनी देते हुये कहा कि दुनिया को एक संकट से बचने के लिए उत्पादन में निवेश करने की जरूरत है। विश्लेषकों ने कहा कि चीन के कमजोर आवास बाजार और बढ़ती बिजली कटौती ने सेंटीमेंट को प्रभावित किया है क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए किसी भी गिरावट का तेल की माँग पर असर पड़ सकता है। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के आँकड़ों के अनुसार, 24 सितंबर को समाप्त में कच्चे तेल के भंडार में 4.1 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई। गैसोलीन के भंडार में 3.6 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई और डिस्टीलेट के भंडार में 2.5 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 407 रुपये के स्तर पर सहारा और 420 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 29 सितम्बर 2021)