कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 6,000-6,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। यूरोप से एशिया तक की अर्थव्यवस्थाओं में ऊर्जा की कमी के बीच विश्व स्तर पर माँग में कमी आने की आशंका के कारण कच्चे तेल की कीमतों में आज गिरावट हुई है।
ऊर्जा की बढ़ती लागत से वैश्विक आर्थिक सुधार के पटरी से उतर जाने और शेयर बाजार में गिरावट की आशंका से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। एशिया, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में ऊर्जा की कमी के कारण हाल के सप्ताहों में बिजली की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
नेचुरल गैस की बढ़ती कीमतें भी बिजली जनरेटर को तेल की माँग को प्रोत्साहित कर रही हैं। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि बिजली उत्पादन के लिए नेचुरल गैस से तेल पर स्विच करने से कच्चे तेल की माँग 2,50,000-7,50,000 बैरल प्रति दिन बढ़ सकती है। अपने विश्व आर्थिक आउटलुक में, आईएमएफ ने अपने 2021 के वैश्विक विकास पूर्वानुमान को जुलाई में किए गये 6.0% पूर्वानुमान से 5.9% तक कम कर दिया। इसने 2022 के वैश्विक विकास पूर्वानुमान को 4.9% पर अपरिवर्तित छोड़ दिया। नेचुरल गैस की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 400 रुपये के स्तर पर सहारा और 420 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 13 अक्टूबर 2021)