कच्चे तेल की कीमतों में तेजी रह सकती है और कीमतों के 6,170-6,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
औद्यागिक आँकड़ों के अनुसार पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में अप्रत्याशित रूप से गिरावट और कोविड-19 प्रतिबंधे को कम हो जाने के बाद यात्राओं के लिए ईंधन की माँग में बढ़ोतरी के कारण तेल की कीमतों में कल हुई बढ़ोतरी आज भी जारी है। एपीआई के अनुसार 5 नवंबर को समाप्त में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 2.5 मिलियन बैरल की गिरावट हुई है, जबकि रॉयटर्स पोल के अनुसार कच्चे तेल के भंडार में 2.1 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी का अनुमान था। बाजार में आपूर्ति कम बने रहने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुये, ट्रेडिंग दिग्गज विटोल ग्रुप के सीईओ रसेल हार्डी ने मंगलवार को कहा कि तेल की माँग महामारी से पहले के स्तर पर लौट आयी है और 2022 की पहली तिमाही में माँग 2019 के स्तर से अधिक हो सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए ओपेक प्लस से अधिक बैरल का उत्पादन करने का आ“वान किया था। जो बाइडेन हाल ही में बढ़ती पेट्रोल की कीमतों पर चिंता के बीच सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व से तेल जारी करने के लिए भी विचार रहे है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 365 रुपये के स्तर पर सहारा और 385 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 10 नवंबर 2021)