कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 5,640-5,760 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
तेल की कीमतों में मंगलवार को गिरावट आयी, पिछले सत्र में लाभ को उलटते हुये, बढ़ती चर्चा पर संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत माँग के खतरे के बावजूद कीमतों को कम करने के लिए कच्चे तेल के भंडार को जारी करने की चर्चा के कारण आज तेल की कीमतों में नरमी देखी जा रही है जबकि यूरोप में कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग द्वारा मंगलवार को सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व से तेल का ऋण लेने की घोषणा करने की उम्मीद है, जिसे अन्य देशों के साथ समन्वय किया जायेगा। कच्चे तेल के भंडार को जारी करने को लेकर सहयोग से कीमतों को 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे लाये जाने में सफल हुये हैं। दूसरी ओर विश्लेषकों को कोविड-19 मामलों की चौथी लहर की संभावन से फिर से माँग के कमजोर रहने की संभावना है। यूरोप में सड़क और जेट ईंधन के लिए नवंबर में माँग अक्टूबर के 8.1 मिलियन बैरल प्रति दिन से कम होकर 7.8 मिलियन बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 350 रुपये के स्तर पर सहारा और 370 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 23 नवंबर 2021)