कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतों के 5,600-5,760 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन नीति पर चर्चा के लिए आज ओपेक प्लस की बैठक से पहले नये साल के पहले कारोबारी दिन में तेल की कीमतों में 1% से अधिक की उछाल दर्ज की गयी। न्यूयॉर्क में कच्चा तेल वायदा की कीमतें उठापटक के बीच 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कारोबार कर रहा है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ने आज होने वाली बैठक से पहले इस तिमाही में वैश्विक तेल बाजारों में अधिशेष के अपने अनुमान में कटौती की। ओपेक के प्रतिनिधियों ने कहा कि 23 देशों का गठबंधन फरवरी में एक दिन में 4,00,000 बैरल के मामूली उत्पादन करने की पुष्टि करने की ओर अग्रसर है। तेल विश्लेषकों ने 2022 में अपने मूल्य पूर्वानुमानों को कम कर दिया है क्योंकि ओमिक्रॉन कोरोना वायरस संस्करण के कारण ईंधन की माँग को लेकर नया बाधक गया है और आपूर्ति की अधिकता का जोखिम है क्योंकि उत्पादक अधिक तेल का उत्पादन कर रहे हैं। लीबिया में कच्चे तेल का उत्पादन एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम होने की उम्मीद है क्योंकि श्रमिक क्षतिग्रस्त पाइपलाइन को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े तेल क्षेत्र शरारा को मिलिशिया द्वारा बंद किये जाने के दो सप्ताह से भी कम समय बाद उत्पादन शुरू हो गया है। साथ ही, कोविड-19 के ओमाइक्रोन प्रकार के फैलने के बावजूद पेट्रोलियम की खपत अच्छी बनी हुई है। लेकिन तेल की माँग 2022 के मध्य के आसपास महामारी से पहले के स्तर तक ठीक होने की उम्मीद है। हाल ही में अमेरिकी कच्चे तेल के उत्पादन में वृद्धि और कम मौसमी माँग की अवधि के कारण वैश्विक भंडार में बढ़ोतरी हो सकती है।
नेचुरल गैस में खरीदारी होने की संभावना है और कीमतों को 270 रुपये के स्तर पर सहारा और 284 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2021)