कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 5,960-6,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
तेल की कीमतों में आज भी बढ़त देखी जा रही है क्योंकि क्योंकि निवेशकों ने जोखिम वाली संपत्तियों में निवेश किया और उद्योग के अनुमानों के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में गिरावट हुई है। अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट मंगलवार को 3.8% की तेजी के बाद 81 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कारोबार कर रहा है। अमेरिकी पेट्रोलियम संस्थान के अनुसार पिछले सप्ताह अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार करीब 10 लाख बैरल घट गया। जेरोम पॉवेल द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचायें बिना मुद्रास्फीति को काबू करने को लेकर निवेशकों को आश्वस्त करने के बाद इक्विटी बाजारों में तेजी के कारण कच्चे तेल की कीमतें 11 नवंबर के बाद के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी है। यदि केंद्रीय बैंक अमेरिकी अर्थव्यवस्था की गति बनाये रखने में सपफल होता है, तो इससे तेल की मांग सुरक्षित रहेगी। लेकिन ओमिक्रॉन कोविड-19 वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के कारण तेल की माँग में कमी आने की आशंका बनी हुई है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन, रूस और सहयोगियों से आपूर्ति में वृद्धि माँग में वृद्धि के अनुरूप नहीं है। ओपेक समूह के उत्पादन में वृद्धि सहमत स्तरों से कम होने की संभावना है क्योंकि नाइजीरिया सहित कुछ देश अपनी सहमत मात्रा का उत्पादन नहीं कर रहे हैं। दिसंबर में ओपेक का उत्पादन पिछले महीने की तुलना में प्रति दिन 70,000 बैरल बढ़ा, जो ओपेक प्लस आपूर्ति सौदे के तहत अनुमत 2,53,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि से कम है। लीबिया में आंशिक रूप से पाइपलाइन रखरखाव कार्य के कारण उत्पादन घटकर 7,29,000 बैरल प्रतिदिन रह गया है, जो पिछले साल के 13 लाख बैरल प्रतिदिन के उच्चतम स्तर से कम है।
नेचुरल गैस में नरमी रहने की संभावना है और कीमतों को 298 रुपये के स्तर पर सहारा और 310 रुपये के स्तर पर रुकावट रह सकता है। (शेयर मंथन, 12 जनवरी 2022)