कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है। कीमतों के 6,000-6,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन संस्करण के मामलों में बढ़ोतरी के कारण निकट अवधि में माँग को लेकर अनिश्चितता के कारण आज तेल की कीमतें फिसल गयी। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के अनुसार ओमिक्रॉन से ईंधन की माँग में गिरावट आयी है, जिससे 7 जनवरी को समाप्त में गैसोलीन के भंडार में 8 मिलियन बैरल की वृद्धि हुई है जो 2.4 मिलियन-बैरल वृद्धि के विश्लेषकों के अनुमान से अधिक है। ओमिक्रॉन कोविड-19 वैरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के कारण तेल की माँग में कमी आने की आशंका बनी हुई है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन, रूस और सहयोगियों से आपूर्ति में वृद्धि माँग में वृद्धि के अनुरूप नहीं है। ओपेक समूह के उत्पादन में वृद्धि सहमत स्तरों से कम होने की संभावना है क्योंकि नाइजीरिया सहित कुछ देश अपनी सहमत मात्रा का उत्पादन नहीं कर रहे हैं। दिसंबर में ओपेक का उत्पादन पिछले महीने की तुलना में प्रति दिन 70,000 बैरल बढ़ा, जो ओपेक प्लस आपूर्ति सौदे के तहत अनुमत 2,53,000 बैरल प्रति दिन की वृद्धि से कम है। लीबिया में आंशिक रूप से पाइपलाइन रखरखाव कार्य के कारण उत्पादन घटकर 7,29,000 बैरल प्रतिदिन रह गया है, जो पिछले साल के 13 लाख बैरल प्रतिदिन के उच्चतम स्तर से कम है।
नेचुरल गैस में नरमी रहने की संभावना है और कीमतों को 340 रुपये के स्तर पर सहारा और 352 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकता है। (शेयर मंथन, 13 जनवरी 2022)