तेल की कीमतें 2021 में 50% बढ़ने के बाद इस वर्ष भी बढत जारी रहने की संभावना है और उत्पादन क्षमता की कमी और इस क्षेत्र में सीमित निवेश के कारण कच्चे तेल की कीमतें 90 या 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो सकती है।
लेकिन ओमाइक्रोन कोरोना वायरस के मामले पिछले साल में कोविड-19 के मामलों के अधिकतम स्तर से भी अधिक हो गये है, फिर भी विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले सख्त प्रतिबंधें को फिर से लागू करने की कई सरकारों की अनिच्छा के कारण तेल की कीमतों को मदद मिलने की संभावना है। अमेरिकी सरकार ने अगले साल के लिए अपने पहले पूर्वानुमान में कहा कि 2023 में कच्चे तेल का उत्पादन 6,10,000 बैरल प्रति दिन बढ़कर 12.41 मिलियन बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है। 2020 में माँग में भारी गिरावट के बाद ओपेक प्लस द्वारा लागू किये गये उत्पादन में कटौती को धीरे-धीरे समाप्त कर रहे हैं। ओमानी के तेल मंत्री मोहम्मद अल रुम्ही ने यह भी कहा कि ओपेक समूह कीमतों को 100 डॉलर प्रति बैरल तक नहीं देखना चाहता है।
इस सप्ताह में कीमतों में नरमी के बाद तेजी का रुख जारी रह सकता है और कीमतें 5,700-6,380 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है संयुक्त राज्य में कड़ाके की ठंड के कारण हीटिंग की माँग बढ़ने से नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी दर्ज की गयी। जैसे-जैसे हम महीने के अंतिम तिसरे भाग में आगे बढ़ते हैं, देश के दो-तिहाई पूर्वी हिस्से में भारी ठंड के पैटर्न को देख सकते है। अगले 15 दिनों के अनुमान के अनुसार तापमान में किसी भी तरह की बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। पूर्वी प्रशांत और अलास्का पर एक मजबूत रिज पैटर्न बना है जिस पर ध्रुविय क्षेत्र से मध्य पश्चिम, दक्षिण और पूर्व की ओर ठंडी हवायें बढ़ सकती है। तकनीकी स्तर पर कीमतों में उच्च अस्थिरता के साथ दोनों तरफ उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है और कीमतें 290-370 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। सहारा स्तर पर खरीदारी और बाधा पर बिक्री करना अहम रणनीति होगी। (शेयर मंथन, 17 जनवरी 2022)