फरवरी में एमसीएक्स पर कच्चे तेल की कीमतें लगभग 11% और नाइमेक्स पर 8% से अधिक उछल गयी और सात साल से अधिक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी और यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़े हुए भू-राजनीतिक तनाव के कारण वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में व्यवधन को लेकर आशंका से 100 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गयी।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के प्रमुख उत्पादक सहित अन्य देश, जिन्हें सामूहिक रूप से ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, उत्पादन में कमी के कारण प्रति दिन 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी करने के अपने मासिक लक्ष्य को पूरा करने में बार-बार विफल रहे हैं। कम भंडार और घटती अतिरिक्त क्षमता के कारण भी कीमतों की तेजी को मदद मिली।
आउटलुक
रुसी रिफाइनरियों को लक्षित करने वाले अमेरिकी प्रतिबंध शिपिंग में व्यवधन और अमेरिकी कच्चे तेल के स्टॉक के कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँचने से तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है। भू-राजनीतिक तनाव के चलते एमसीएक्स में फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। यद्यपि रूस के ऊर्जा क्षेत्र को विशेष रूप से प्रतिबंधित नहीं किया गया था, लेकिन अन्य प्रतिबंधें ने रूस, जिसका तेल निर्यात वैश्विक आपूर्ति का लगभग 8 प्रतिशत या प्रति दिन 4 से 5 मिलियन बैरल है, जो सऊदी अरब के अलावा किसी भी देश की तुलना में अधिक है, से निर्यात क्षमता को बाधित किया है। यूक्रेन के साथ युद्ध तेज होने के बीच रूसी बैंकों पर प्रतिबंधें के कारण आपूर्ति में व्यवधन बढ़ गया, जबकि व्यापारियों ने पहले से ही कम आपूर्ति वाले बाजार में वैकल्पिक तेल स्रोतों की तलाश करने कोशिश की। रूसी तेल का व्यापार अस्त-व्यस्त है क्योंकि उत्पादकों ने बिक्री स्थगित कर दी है। आयातकों ने रूसी जहाजों को अस्वीकार कर दिया है और खरीदार दुनिया भर में कच्चे तेल के लिए अन्य ड्डोतों को देखने लगे क्योंकि पश्चिमी प्रतिबंधें और निजी कंपनियों द्वारा आयात से हाथ खींचे जाने से रूस से आपूर्ति कम हो गयी। कम भंडार और घटती अतिरिक्त क्षमता को देखते हुये, तेल बाजार लंबी अवधि में बड़े आपूर्ति व्यवधनों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। ओपेक प्लस के तेल उत्पादन में वृद्धि नहीं कर पाने, घटते भंडार और चीन एवं भारत की ओर से बढ़ती माँग से भी कीमतों को समर्थन मिल रहा है।
यूक्रेन पर भू-राजनीतिक तनाव
रूसी सेना ने यूक्रेन के कई प्रमुख शहरों पर हमले तेज कर दिए हैं जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति द्वारा मास्को पर ‘हमारे देश को मिटाने’ का आरोप लगाया गसा है। रूस ने बड़े पैमाने पर आर्थिक और राजनयिक प्रतिबंधें और यूक्रेन में आगे बढ़ने के लिए बढ़ते वैश्विक अलगाव की अवहेलना की है। रूसी बैंकों पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंधें के बावजूद, रूस शहरों को निशाना बनाने वाले मिसाइलों और तोपखाने के उपयोग में बहुत अधिक आक्रामक हो गया है, जिसमें कीव के आसपास नागरिक बुनियादी ढाँचा भी शामिल है। यदि संघर्ष लंबे समय तक जारी रहता है, तो कच्चे तेल की आपूर्ति में व्यवधन बढ़ सकता है।
ओपेक प्लस का नीतिगत निर्णय
ओपेक और गैर-ओपेक साझेदार, जिन्हें ओपेक प्लस के रूप में जाना जाता है, अधिक कच्चे तेल के उत्पादन की अपील को नजरन्दाज करते हुए अप्रैल में उत्पादन में कम वृद्धि की अपनी योजनाओं पर टिके रहने के लिए सहमत हुये। रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधन की आशंकाओं के कारण तेल की कीमतें कई वर्षो के उच्च स्तर पर पहुँच गयी है। पिछले कुछ वर्षों में कम निवेश के कारण कई ओपेक सदस्य अपने कोटा के अनुरूप उत्पादन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व से तेल जारी करना
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और, यूरोपीय आयोग के समर्थन वाले 30 अन्य सदस्य देश, सामरिक पेट्रोलियम भंडार से सामूहिक रूप से प्रारंभिक 60 मिलियन बैरल तेल जारी करने के लिए सहमत हुये, ताकि रूस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधें के कारण ऊर्जा बाजार में व्यवधन की भरपाई की जा सके। अमेरिका ने कहा है कि कुल 30 मिलियन बैरल अमेरिकी सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व से जारी किये जायेंगे। यू.एस. और आईईए के अन्य सदस्यों से तेल जारी करना वैश्विक ऊर्जा बाजारों में संभावित व्यवधनों की भयावहता को दर्शाती है। भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और यूक्रेन कहा कि वे बाजार में कुछ मामूली मात्रा में बिक्री करेंगे। चीन, दुनिया का नंबर 2 उपभोक्ता और सबसे बड़ा आयातक, कभी भी आधिकारिक तौर पर इस कदम के लिए प्रतिबद्ध नहीं है।
चीन में कच्चे तेल का आयात
बाजार में तेल कीमतों को काबू में रखने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर एक सथ स्टॉक जारी करने के लिए वाशिंगटन की अपील और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद चीन ने इस साल अपने तेल भंडार के लिए खरीद बढ़ा दी है। नवंबर के मध्य से चीन में कच्चे तेल का भंडार लगभग 30 मिलियन बैरल है, जिसमें रिफाइनरियों में 10 मिलियन बैरल और वाणिज्यिक टर्मिनलों में 20 मिलियन बैरल हैं।
ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते पर वार्ता
संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान वियना में अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ता में लगे हुए हैं जिससे ईरानी तेल बिक्री पर प्रतिबंध हट सकता हैं। ईरान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी अली शामखानी ने कहा कि वार्ता में महत्वपूर्ण प्रगति के बाद पश्चिमी शत्तिफयों के साथ एक अच्छा परमाणु समझौता करना संभव है।
एमसीएक्स में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव
मार्च 2022 में, कच्चे तेल की कीमतें तेजी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती हैं, जहाँ निकट सहारा स्तर पर खरीदना बेहतर रणनीति होगी और रुकावट 9,000 रुपये के स्तर के पास देखा जा सकता है, समर्थन 7,200 रुपये के पास देखा जाता है।
नेचुरल गैस
फरवरी में कमजोर माँग और मौसम के मुद्दे पर नेचुरल गैस की कीमतों में 8% से अधिक की गिरावट हुई। नेचुरल गैस की कीमतों ने तापमान में उतार-चढ़ाव का अनुसरण किया है, क्योंकि उत्तरी गोलार्ध के बाजारों में आवासीय और वाणिज्यिक ग्राहकों की हीटिंग की जरूरतें गैस की माँग को कमजोर कर देती हैं क्योंकि मौसम के पहले से ही सामान्य से अधिक गर्म होने की उम्मीद है। सामान्य तापमान, उच्च एलएनजी प्रवाह के साथ, 2022 की शुरुआत में यूरोपीय बाजार में कीमतों में नरमी दर्ज की गयी है।
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मार्च में, गैस की कीमतों में दोनों तरफ का उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है क्योंकि सामान्य मौसम के पूर्वानुमान पर कीमतों में तेजी से गिरावट हो सकती है, जबकि भंडार स्तर में गिरावट और यूक्रेन के मुद्दे के कारण आपूर्ति में कमी की बढ़ती चिंता से कीमतों में उछाल दर्ज की जा सकती है। रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ के प्रतिबंध गैस निर्यात को लक्षित कर सकते हैं, जबकि रूस के तरलीकृत गैस के कुछ कार्गो के रास्ते बदल गए हैं।
एमसीएक्स में नेचुरल गैस की कीमतें उच्च अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती हैं। यदि कीमत हाल के 400 रुपये के प्रतिरोध को तोड़ती है तो क्रमशः 440 रुपये के स्तर की ओर फिर से बढ़ सकती है। कुल मिलाकर नेचुरल गैस की कीमतें अपने सहारा स्तर से ऊपर की ओर बढ़ सकती है। सहारा 320 रुपये के करीब देखा जा रहा है। (शेयर मंथन, 15 मार्च 2022)