हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में पिछले हफ्ते रिकवरी दर्ज की गयी क्योंकि नियार्त माँग की उम्मीद के कारण हाजिर बाजार में माँग में बढोतरी हो रही है।
निचले स्तर पर खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें सोमवार को मामूली बढ़त के साथ बंद हुई।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 8,000-7,900 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। हल्दी की कीमतें पिछले महीने बढ़ गयी थी क्योंकि माँग की तुलना में आपूर्ति कम थी।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना है और कीमतों 5,850 के स्तर पर बाधा के साथ 5,750-5,700 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना है और कीमतें 7,900-8,100 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,450-7,620 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,350-6,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,400-6,545 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितंबर) की कीमतें 6,850-7,050 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है।
हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 5,680-5,750 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 8,100-8,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 8,000-7,900 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों के 6,790-7,000 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 7,700-7,900 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं।
हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,350-6,550 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में हफ्ता-दर-हफ्ता गिरावट हो रही है जिससे पता चलता है कि रुझान अभी भी कमजोर है और शॉर्ट कवरिंग को 5,950 रुपये के स्तर पर बाद का सामना करना पड़ सकता है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 8,100-8,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बांग्लादेश में लॉकडाउन को 21 अप्रैल तक बढ़ाये जाने की खबर से भारत से निर्यात प्रभावित होने की आशंका है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!