हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,400-6,545 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी की कीमतों में बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कारोबारी नयी फसल की हल्दी की खरीदारी को लेकर काफी रूचि दिखा रहे हैं। बाजारों में किसानों ने मैसूर वेराइटी की नयी फसल की हल्दी को बेचने के लाना शुरू कर दिया है और जो भी आवक हो रही है उसकी खरीदारी हो रही है। इसके विपरीत उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के कारण माँग काफी कम हो रही है। जहाँ तक निर्यात माँग की बात है, अभी भी कम है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 15,700-15,500 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। पिछले हफ्ते ऊँझा में जीरे की नयी फसल में नमी अधिक होने से पिछले वर्ष की तुलना में 23% कम कीमतों पर बिक रही है। गुजरात के सौराष्ट्र और गोंदल में जीरे की नयी फसल की आवक हो रही है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 6,540-6,720 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं। कारोबारी काफी सतर्क हैं और फसल के विकास पर पैनी नजर रखे हुए हैं। पिछले 2-3 दिनों से मौसम में अचानक बदलाव धनिया की खड़ी फसल के लिए लाभकारी माना जा रहा है।
इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों में 1,525 रुपये के नजदीक सहारे के साथ तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। मौजूदा फसल कटाई सीजन के समाप्त हो जाने और जून के अंत या जुलाई के प्रारंभ तक नयी फसल की आवक होने तक बाजार में उपलब्धता की कमी बरकरार रह सकती है। इसे देखते हुए बाजार में जो भी आवक हो रही है, उसकी खरीदारी कारोबारियों द्वारा की जा रही है। (शेयर मंथन, 29 जनवरी 2019)
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