हल्दी वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 6,350-6,550 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई है। कारोबारियों को कोई नया ऑर्डर नही मिल रहा है। इरोद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी और रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में क्रमशः 750 रुपये प्रति क्विंटल और 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है। इसी तरह रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में रूट वेरायटी की कीमतों में 550 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (दिसंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 19,190-19,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। निचले स्तर पर थोड़ी खरीदारी के कारण गुजरात और राजस्थान के बाजारों में कीमतों में स्थिरता है। लेकिन कारोबारी गतिविधियाँ सुस्त हैं। लेकिन सिंचाई के लिये पानी की कमी और मिट्टी में नमी की कमी के कारण बुआई की रफ्तार सुस्त है।
धनिया वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 6,040 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ बढ़त जारी रह सकती हैं। मौसम के अनुकूल नहीं होने के कारण गुजरात में बुआई काफी पिछड़ गयी है। राज्य कृषि विभाग के अनुसार अभी तक धनिया की बुआई लगभग 85 से 90% तक कम हुई है। राज्य में अभी तक धनिया की बुआई केवल 2,200 हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 22,600 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। इस वर्ष मॉनसून के लगभग 30% से 40% तक कम होने के कारण पानी की कमी हुई है। (शेयर मंथन, 27 नवंबर 2018)
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