हल्दी वायदा (जून) की कीमतें स्थिर रह कर 7,100-7,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
दरअसल कमजोर घरेलू माँग और खराब क्वालिटी की आवक के कारण खरीदारी कम हो गयी है और बिकवाली का दबाव भी पड़ रहा है। निजामाबाद के साथ अन्य बाजारो में भी हल्दी की आवक कम हो गयी है, लेकिन काफी तेज गर्मी के कारण कुछ ही खरीदार बाजारों में सक्रिय हैं। यह स्थिति अगले 15 दिनों तक बनी रह सकती है। इस वर्ष निर्यात माँग के साथ आयुर्वेदिक एवं कॉस्मेटिक उद्योगों की ओर से भी माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कारोबारी और स्टॉकिस्ट अच्छी क्वालिटी की सूखी हल्दी का स्टॉक जमा करने के लिए काफी सक्रिय हैं।
जीरा वायदा (जून) कीमतों को 16,130 रुपये के स्तर पर बाधा के कारण बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कारोबारी अत्यंत सतर्क हैं और कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि जून-जुलाई में सीरिया और तुर्की से नयी फसल की आवक शुरू होने के बाद कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। इस बीच खबर है कि मसाला बोर्ड ने जीरे के अनिवार्य सैंपलिंग और परीक्षण के मानकों को और भी सख्त कर दिया है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों को 4,700 के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। हाजिर बाजारों में कारोबारी बुआई के लिए सूखे धनिया की तेजी से खरीदारी कर रहे हैं ताकि वे किसानों को माँनसून से पहले अच्छी क्वालिटी का बीज उपलब्ध करा सकें। (शेयर मंथन, 21 मई 2018)
जीरा वायदा (जून) कीमतों को 16,130 रुपये के स्तर पर बाधा के कारण बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कारोबारी अत्यंत सतर्क हैं और कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि जून-जुलाई में सीरिया और तुर्की से नयी फसल की आवक शुरू होने के बाद कीमतों पर दबाव पड़ सकता है। इस बीच खबर है कि मसाला बोर्ड ने जीरे के अनिवार्य सैंपलिंग और परीक्षण के मानकों को और भी सख्त कर दिया है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों को 4,700 के स्तर पर सहारा रह सकता है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। हाजिर बाजारों में कारोबारी बुआई के लिए सूखे धनिया की तेजी से खरीदारी कर रहे हैं ताकि वे किसानों को माँनसून से पहले अच्छी क्वालिटी का बीज उपलब्ध करा सकें। (शेयर मंथन, 21 मई 2018)
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