हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 8,000-7,900 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
शीर्ष निजामाबाद मंडी में हल्दी की आवक पिछले सत्र के 22,000 बैग के बराबर रही, जबकि फिंगर और डीपी फिंगर की किस्मों की कमतों में 200-400 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट हुई। बासमतनगर में कीमतें लगातार दूसरे सत्र के लिए स्थिर रही, जबकि आवक 4,500 बैग की हो रही हैं। लेकिन कडप्पा हल्दी किस्म की आवक पिछले सत्र के 22,000 बैग के मुकाबले 23,505 बैग की आवक हुई है। सांगली में कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल प्रति की गिरावट हुई है।
जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान के साथ 14,500-14,200 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। माँग में कमी और फसल आवक में तेजी के कारण सेंटीमेंट में मंदी है। ऊंझा बाजारों में पिछले सत्र के 37,500 बैग के मुकाबले 50,000 बैग की आवक देखी गयी। राजकोट मंडी में 5,000 बैग के मुकाबले 10,000 बैग की आवक हुई है जबकि कीमतें स्थिर रही।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 7,200 रुपये के स्तर पर सहारा रहने की संभावना है खरीदारों की उपस्थिति के कारण राजस्थान मंडियों में हाजिर कीमतों में मजबूती रही, जब स्टॉकिस्टों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। इस महीने में पहली बार मसाले में बढ़त देखी गयी। स्थानीय खरीदार राज्य की मंडियों में काफी सक्रिय थे, जबकि इन बाजारों में आवक में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। रामगंज, कोटा, बारां और जयपुर मंडियों में नयी धनिया की कीमतों में गिरावट हुई। पुरानी धनिया की कीमतें भी बढ़ गयी है, क्योंकि मसाला ब्रांडों ने उच्च गुणवत्ता वाले धनिये की खरीद पर ध्यान केंद्रित किया है। नयी धनिया की कीमतें पिछले साल की तलना में इस साल 12-14 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई हैं। लेकिन देश में कोरोना संक्रमणों के तेजी से बढ़ते मामले और निर्यातकों की सुस्त माँग के कारण स्टॉकिस्टों और व्यापारियों की खरीद सेंटीमेंट सामान्य रूप से प्रभावित हो रहा है। हरियाणा के मिलों के साथ दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात के कारोबारियों ने सक्रिय रूप से लगभग लिया। बड़े ब्रांडों ने मध्यम और उच्च ग्रेड मसाले की खरीद की। रामगंज मंडी में बादामी 5,350-5,510 रुपये प्रति क्विंटल और ईगल की कीमतें 5,600-5,800 रुपये प्रति क्विंटल रही है। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2021)
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