बेस मेटल में निचले स्तरों पर खरीदारी होने की संभावना है। अमेरिकी आईएसएम नॉन मैनुफेक्चरिंग पीमएआई के आँकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती है।
बेस मेटल की कीमतों के एक दायरे में रहने की संभावना है। तांबें की कीमतें 437-443 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
बेस मेटल की कीमतों के गिरावट के साथ खुलने की संभावना है। अमेरिकी न्यू होम सेल्स के आँकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती है।
बेस मेटल में कमजोर शुरुआत की संभावना है। अमेरिकी आईएसएम मैनुफैक्चरिंग पीएमआई के आकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती है।
बेस मेटल की कीमतों के गिरावट के साथ खुलने की संभावना है। अमेरिकी जॉबलेस के आँकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती हैं।
बेस मेटल में निचले स्तर पर थोड़ी जवाबी खरीद (शॉर्ट कवरिंग) हो सकती है।
बेस मेटल में निचले स्तर पर खरीदारी होने की संभावना है।
बेस मेटल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है। तांबे की कीमतें 438-446 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
बेस मेटल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है।
बेस मेटल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है। तांबें की कीमतों को 430 रुपये के नजदीक सहारा और 446 रुपये के नजदीक रुकावट रह सकती है।
बेस मेटल में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली होने की संभावना है। अमेरिकी न्यू होम सेल्स के आँकड़ों से कीमतों को दिशा मिल सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 74,00-76,00 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मौनी अमावस्या के अवसर पर मसाले की मंडियों के बंद रहने के कारण हल्दी की कीमतें राहत की साँस ले रही है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,120 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,010 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,570 रुपये के स्तर पर रुकावट के साथ 3,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,290 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 3,080 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
पहली तिमाही में फसल कटाई, जो फरवरी-मार्च में शुरू होती है, के बाद भारी आवक के दबाव के कारण जीरे की कीमतें औंधेमुंह लुढ़क गयी।
कपास वायदा (जुलाई) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ कारोबार कर सकती है, क्योंकि कीमतें 22,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!