हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 74,00-76,00 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मौनी अमावस्या के अवसर पर मसाले की मंडियों के बंद रहने के कारण हल्दी की कीमतें राहत की साँस ले रही है।
नांदेड़ में फिंगर किस्म हल्दी की कीमतें 8,000 रुपये हो गयी है और इरोड मंडी में 7,800 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर कारोबार कर रही है। बेहतर माँग के कारण एक महीने से भी कम समय में हल्दी की कीमतों में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की वृद्धि हुई है।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतें 13,350-13,650 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। मौसम की स्थिति सहायक बनी हुई है और व्यापारी अगले महीने से थोक बाजारों में नयी आवक से पहले बड़ी मात्रा में खरीदारी करने से बच रहे हैं। गुजरात में रबी सीजन 2020-21 में 25 जनवरी तक जीरा की कुल बुआई 4,69,030 हेक्टेयर में हुई है जबकि 2019-20 के दौरान 4,88,207 हेक्टेयर और पिछले पाँच साल में औसत 4,06,141 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। बाजारों में सभी वेराइटी के जीरा की कीमतों में 10 रुपये 20 किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। ऊंझा मंडी में, रफ वेराइटी के जीरे की कीमतें 2,055-2,125 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है जबकि एनसीडीईएक्स क्वालिटी के जीरे की कीमतें 2,175-2,275 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है। बॉम्बे बोल्ड जीरे की कीमतें 2,450-2,540 रुपये प्रति 20 किलोग्राम और सर्वोत्तम गुणवत्ता के जीरे की कीमतें 2,375-2,425 रुपये प्रति 20 किलोग्राम रही है।
धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,400-6,600 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। नयी फसल की माँग है और राजस्थान की मंडियों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में नयी फसल की आवक में तेजी के दबाव के बावजूद, नयी फसल का कारोबार 4,000-6,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हो रहा है। नयी फसल की माँग खाड़ी देशों के साथ स्थानीय खरीदारों की ओर से भी हो रही है। रामगंज और कोटा मंडियों में नयी धनिया की कीमतें 100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गयी। खरीदारों की माँग के कारण कीमतों को मदद मिल रही हैं। यहाँ तक कि मसाला मिलों की ओर से माँग के कारण पुराने धनिया की कीमतों को मदद मिल रही है। (शेयर मंथन, 12 फरवरी 2021)
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