अंबरीश बालिगा
सीईओ, हनीकॉम्ब वेल्थ एडवाइजर्स
मुझे लगता है कि 2023 के पहले छह महीनों में बाजार कुछ नरम रहेगा और इस दौरान हमें बाजार में एक ठीक-ठाक गिरावट देखने को मिलेगी। इस अवधि का उपयोग अपने पोर्टफोलिओ में अच्छे शेयरों को जमा करने के लिए करना चाहिए, क्योंकि इसके बाद तेजी का अगला दौर लंबे समय तक चलेगा।
मेरा अनुमान है कि जून 2023 तक निफ्टी 17,000 के आस-पास होना चाहिए। सेंसेक्स इस दौरान 56,500 तक गिर सकता है। पर दिसंबर 2023 तक निफ्टी फिर से सँभल कर 19,500 के आस-पास पहुँच सकता है। सेंसेक्स का इस साल के अंत का लक्ष्य 65,000 का होगा।
वैश्विक मंदी के बावजूद हमारे देश में लंबी अवधि में विकास की संभावनाएँ बनी रहेंगी। भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेतों में युवा उपभोक्ता आबादी, भूराजनीतिक स्थिरता और कोरोना के बाद से इक्विटी की ओर लोगों का तेजी से झुकाव प्रमुख हैं। वहीं चिंता बढ़ाने वाला मुख्य कारण यह है कि हाल के दिनों की तेजी की वजह से मूल्यांकन ऊँचे हो गये हैं।
अगले छह माह के दौरान भारतीय बाजार पर सबसे ज्यादा असर महँगाई और ब्याज दरों का होगा। इस दौरान वैश्विक कारकों में आर्थिक मंदी भारतीय बाजार को काफी प्रभावित करेगी। मुझे लगता है कि इस साल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में 75 आधार अंक (बेसिस प्वाइंट) तक की वृद्धि करेगा। आगामी बजट से मुझे नहीं लगता कि भारतीय बाजार पर कोई खास असर होगा।
अनुमान है कि इस साल ऑटो, फार्मा, स्पेशियलिटी केमिकल और रियल एस्टेट क्षेत्र बाजार से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बाजार से कमजोर क्षेत्रों में बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा क्षेत्र (BFSI) और धातु क्षेत्र प्रमुख रहेंगे। वर्ष 2023 के लिए मेरे शीर्ष पाँच पसंदीदा शेयरों में भारती एयरटेल, डेल्हीवेरी, एक्साइड, सोना बीएलडब्लू और वीए टेक वबाग शामिल हैं।
(स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित हो सकते हैं।)
(शेयर मंथन, 26 जनवरी 2023)
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